अजब सा है ये ज़िन्दगी का सफ़र
कहीं रास्ते नहीं और कहीं कारवाँ
ठहर कर घर बनाए भी कहॉं
कही पर ज़मीं नहीं
और कही आस्मां
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अल्फ़ाज़ (शब्द) Alfaaz
Poetryये कविताएँ मैंने अपने कालेज के दौरान लिखीं थीं । कुछ पूरी और कुछ आधी अधूरी सी मेरी नज़्में , जिन्हें मैं अक्सर अकेले में आज भी गुनगुनाया करता हूँ। उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आयें.. *अल्फ़ाज़ copyrights © by Raju Singh Read full book https://www.am...
सफ़र
अजब सा है ये ज़िन्दगी का सफ़र
कहीं रास्ते नहीं और कहीं कारवाँ
ठहर कर घर बनाए भी कहॉं
कही पर ज़मीं नहीं
और कही आस्मां