चाँद कह कर हमने बहुत बड़ा गुनाह किया
हम ज़मीं पर ही रहे
और वो आस्माँ चला गया
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अल्फ़ाज़ (शब्द) Alfaaz
Poetryये कविताएँ मैंने अपने कालेज के दौरान लिखीं थीं । कुछ पूरी और कुछ आधी अधूरी सी मेरी नज़्में , जिन्हें मैं अक्सर अकेले में आज भी गुनगुनाया करता हूँ। उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आयें.. *अल्फ़ाज़ copyrights © by Raju Singh Read full book https://www.am...
बेरुख़ी
चाँद कह कर हमने बहुत बड़ा गुनाह किया
हम ज़मीं पर ही रहे
और वो आस्माँ चला गया