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  • तेरी आँखें (Teri Aankhen)
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    मेरी ये तमाम नज़्में किसी की ख़ूबसूरत आँखों के नाम, जिसकी आँखों में ज़िन्दगी भी है और नाउम्मीदी के अँधेरों में उम्मीद की एक किरन भी। ऐसी आँखें जो रास्ता भी हैं और मंज़िल भी। इन आँखों को देख कर जीने का मन होता है। -फ़रीद क़मर. Meri ye tamaam nazmen Kisi ki khoobsoorat aankhon ke naam jiski aankhon me zindagi bhi hai aur na...

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  • मेरी ज़िन्दगी का वरक़ वरक़...(Meri Zindagi Ka Waraq Waraq...)
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    ये मेरी तमाम तख़्लीक़ात (रचनाओं) का मजमुआ (संग्रह) है। इसमें मेरी तमाम ग़ज़लें और नज़्में शामिल हैं। ये नज़्में और ग़ज़लें ज़िन्दगी और ज़माने के कर्ब और हालात से मुतास्सिर हैं। इसमें दिल का दर्द भी है और ज़माने, हालात और ज़िन्दगी से जूझते हुये इंसान की कशमकश भी। इसलिये आप से गुज़ारिश है कि इसको पढ़ें और वोट और कमेन्ट भी करें। -फ़रीद...

  • तेरे नाम है...Tere Naam Hai...
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    ये नज़्म मैंने किसी की नज़्र (समर्पित) किया है। उम्मीद है आपको पसन्द आएगी। अगर पसंद आये वोट करें और कमेन्ट भी करें। -फ़रीद क़मर

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  • सौंधी सी ख़ुश्बू
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    सर्दियों की आहट सुनाती बरसात , मिट्टी की सौंघी ख़ुश्बू से मन में ताज़ा होते वो कुछ भूले से एहसास......बस कुछ मीठी सी यादों के साथ सर्दियों की शुरूआत और तुम्हारे वापिस लौट आने की आस......

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  • मेरी कलम से...
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    दोस्तों, पिछले लगभग 30 सालों से मैंने अपने जज़्बात और ज़िन्दगी के तज़ुर्बे को ग़ज़लों , गीतों और क़तआत ( मुक्तक ) के रूप में ढालने की कोशिश की है । उन्हीं में से कुछ शाहकार आज आप एहबाब की नज़्र करते हुए मुझे इन्तिहाई ख़ुशी का एहसास हो रहा है । उम्मीद है अपनी बेशक़ीमती दुआओं से नवाज़ते हुए मेरी ख़ामियों की सिम्त इशारा...

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