Panne

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किताब के पन्नो पर बस तेरा नाम लिखा था
आगे का सोच कर ही आंख नम हो गई
हमारी कहानी भी शायद एक दास्तां होती
यूं हुए जुदा की अनकही रह गई

अमर प्रेम की पात्रता समझ के परे है मेरे
मेरे बस में थी बस मेरी जिंदगी
वो भी कर दी नाम तेरे

पर ना तू मिली ना कोई कहानी बनी
बस मेरी परछाईं साथ रह गई
दिल में तेरी यादें हैं जो पन्नों पर ना आ पाईं
ताकत निचोड़ सारी, तू मेरी कमज़ोरी हो गई

~TallGuy

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