Chup chup ke

14 3 0
                                    

नाम भले ही हो छिपाया, असलियत अभी है वही
पहचान बदली है मैने, इंसानियत है वही
बस छुप छुप कर जीने में मज़ा आने लगा है

ऐसे छुपाने की कोई बात तो नही है
ना ही कोई बदनाम सी कहानी है
जाने क्यों, छुप छुप कर जीने में मज़ा आने लगा है

मशहूर होने का शौक नहीं था कभी
ना सर आंखों बैठने की दिलचस्पी थी
बस यूंही, छुप छुप कर जीने में मज़ा आने लगा है

~TallGuy

आप प्रकाशित भागों के अंत तक पहुँच चुके हैं।

⏰ पिछला अद्यतन: Aug 28, 2021 ⏰

नए भागों की सूचना पाने के लिए इस कहानी को अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें!

स्पर्शजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें