नए बादशाह के नए फैसले

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"पहला फैसला यह है की जहां कहीं भी हमारे जनेसार हैं वह सब अपने अपने एक प्रतिनिधि हमारे राज दरबार में बैठाएंगे। उनमें से को खास हैं वो हैं, काबुल, लाहौर और चित्तौड़। इनके अलावा भी जो हैं उन्हें पैगाम भिजवाया जाए की उनका एक एक प्रतिनिधि हमारे राज दरबार में होना अहम है।" बादशाह जहांगीर बोले
"बादशाह जहांगीर!" महाबात खान बोला
"जिंदाबाद!" सब चिल्लाए
"हां, और जो दूसरा हमने जो फैसला लिया है वो यह है की... उससे पहले हम शाह खुर्रम को आगे दरबार में बुलाना चाहेंगे।" बादशाह जहांगीर बोले
"शाह खुर्रम, हाजिर हो!" ढिंढोरा पीटने वाले ने बोला
"अरे अरे, वो कोई मुजरिम थोड़ी है जिसे तुम ऐसे बुला रहे ही।" बादशाह जहांगीर बोले
(सब हंसने लगे)
"यहां आइए, शहजादे खुर्रम।" बादशाह जहांगीर बोले
"जाओ खुर्रम।" मान सिंह जी बोले
शहजादे खुर्रम आगे आए।
"इस फैसले में हमें तुम्हारी रजामंदी चाहिए।" बादशाह जहांगीर बोले
"जी जहांपनाह, बोलिए।" शाह खुर्रम बोले
"जो दूसरा फैसला हमने लिया है, वो यह है की, हमने शहजादे खुर्रम का निकाह कंदहार की शहजादी और सुलतान मुज्जफर हुसैन मिर्जा की बेटी, कंदहारी बानो से पक्की करने की सोची है। अगर आपको कोई ऐतराज न हो, तो हम इसको हां कर सकते हैं।" बादशाह जहांगीर बोले

शहजादे खुर्रम कश्मकश में पड़ गए क्योंकि उन्हें तो अर्जुमंद पसंद है।
"बोलिए, शाह खुर्रम।" बादशाह जहांगीर बोले
"जहांपनाह..." शहजादे खुर्रम बोले
"अगर आपको कोई और पसंद है तो हम उनसे भी आपका निकाह करा देंगे, आप चिंता न करें।" बादशाह जहांगीर बोले और हसने लगे।
बाकी सब भी हसने लगे।
"जैसा आपको सही लगे, जहांपनाह।" शहजादे खुर्रम बोले
"तो फिर तय रहा। शहजादे खुर्रम और कंदहारी बानो का निकाह आज ही के दिन 2 साल बाद होगा जब शाह खुर्रम भी निकाह करने के लायक हो जायेंगे। हमारा मतलब है 17 साल के हो जाएंगे।" बादशाह जहांगीर बोले
"सुभानल्लाह, सुभानल्लाह।" सब बोले
"मुबारक हो, शहजादे खुर्रम।" घियास बेग बोले
"शुक्रिया, वजीर ए आला।" शाह खुर्रम बोले और दीवान ए ख़ास से रुखसत कर गए और सीधा अर्जुमंद के पास गए।
"अर्जुमंद..." शहजादे खुर्रम बोले
"हमने सुना बादशाह ने क्या कहा। और आपने उनको माना क्यों नहीं किया?" अर्जुमंद ने रोते हुए पूछा
"आरजू, आसमान में सितारे तो कई हैं लेकिन ध्रुव तारा तो एक ही है। उसी तरह मेरे चाहे कितने निकाह हो जाएं लेकिन मेरी जान, मेरी हमदर्द तो आप ही रहेंगी।" शहजादे खुर्रम बोले
अर्जुमंद ने रोते हुए शहजादे खुर्रम को गले लगा लिया। जगत गोसाईं यानी की शहजादे खुर्रम की मां ने उनको देख लिया था।

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