1612 के स्वैली के युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने पुर्तगाली लोगो को हराकर भारत में अपना व्यापार टिका लिया था। बाहर से अंग्रेजों ने और टुकड़ियां बुलाना चालू कर दिया था। इन सब के बीच, बादशाह जहांगीर की सल्तनत और मजबूत होती जा रही थी।
"जहांपनाह, अंग्रेजों ने तो बगावत करना चालू कर दी है। अभी कुछ वक्त पहले उन्होंने ने पुर्तगाली लोगो से मारपीट करके अपना व्यापार टिकाया है। आगे जाके कहीं ऐसा न हो की वो लोग हम पर कब्ज़ा कर ले। क्योंकि ऐसा सुनने में आया है की अमेरिका पर भी उन्होंने इस तरह ही कब्ज़ा किया था।" घियास बेग ने कहा
"हमारे रहते ऐसा नहीं होने देंगे हम, वजीर ए आला।" शहजादे खुर्रम बोले
"बिलकुल सही कहा है शहजादे खुर्रम ने। हमारे होते हुए ऐसा कुछ नही होगा।" बादशाह जहांगीर बोले
"मुझे लगता है आपको सर थॉमस रो से मिलना चाहिए।" आसफ खान बोले
"नहीं, भाईजान।" नूर जहां बोलीं
"हमको लगता है की आसफ खान सही बोल रहे हैं।" बादशाह जहांगीर बोले
"पर हमको नहीं नही लग रहा, जहांपनाह। वहां आपके साथ कुछ भी हो सकता है।" नूर जहां बोलीं
"तो हम भी अब्बू के साथ उनसे मिलने चले जायेंगे।" शहजादे खुर्रम बोले
"नहीं।" नूर जहां बोलीं
"चलिए इसके बारे में बाद में सोचेंगे, फिलहाल के लिए सभा बर्खास्त की जाती है।" बादशाह जहांगीर बोले और वहां से चले गए
"मेहर, हमारे साथ आओ।" आसफ खान बोले
"अब हम आपके पास नहीं, आप हमारे पास आयेंगे, आसफ खान।" नूर जहां बोलीं
"तुम्हारा बड़ा भाई हूं मैं, मेहर... और अभी मैं तुमको एक बड़े भाई होने के नाते बुला रहा हूं।" आसफ खान बोले
नूर जहां आसफ खान के साथ चलीं गईं।
"बोलिए भाईजान।" नूर जहां बोलीं
"तुम यह क्यों कर रही हो?" आसफ खान ने पूछा
"क्या, क्या कर रही हूं?" नूर जहां ने पूछा
"तुमने बादशाह को माना क्यों किया? की वो सर थॉमस रो से मिलने नहीं जायेंगे?" आसफ खान ने पूछा
"क्योंकि हमने आपको पहले भी बोला था भाईजान। जिससे बादशाह को फ़ायदा होगा हम वो सब करेंगे।" नूर जहां बोलीं
"इससे बादशाह को फ़ायदा नहीं होगा, मेहर। इससे सिर्फ तबाही ही आएगी। और हो सकता है की बादशाह की और इस सल्तनत की जान को खतरा हो..." आसफ खान बोले
"जब तक बादशाह को फ़ायदा है... हमको फायदा है... जब बादशाह अल्लाह को प्यारे होंगे, तब हम इस सल्तनत के बारे में सोचेंगे भी नहीं।" नूर जहां बोलीं
"तुम बहुत खुदगर्ज़ हो गई हो, मेहर।" आसफ खान बोले और चले गए।
आप पढ़ रहे हैं
Taj Mahal: दास्तान ए इश्क़
Historical Fictionयह कहानी ताज महल के निर्माण और उसके पीछे की कहानी के ऊपर आधारित है। इस कहानी का उद्देश्य किसकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।