शाह जहां और मुमताज़ महल का निकाह

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(दीवान ए ख़ास का दृश्य)
"आज, हम एक और फैसला लेने वाले हैं। हमने ये तय किया है की शहजादे खुर्रम का दूसरा निकाह कराया जायेगा... वजीर ए आला की पोती, अर्जुमंद बानो से।" बादशाह जहांगीर बोले
"कब, बादशाह?" घियास बेग ने पूछा
"करीब 8 या 9 महीने में। आप तैयारियां शुरू कर दीजिए, वजीर ए आला।" बादशाह जहांगीर बोले
"जी हुज़ूर।" घियास बेग बोले
"सभा बर्खास्त।" बादशाह जहांगीर बोले
(बादशाह के कमरे में)
"शहरयार, जरा अपने भाईजान, खुर्रम को तो बुलाना।" बादशाह जहांगीर बोले
"जी अब्बू।" शहजादे शहरयार बोले
शहजादे शहरयार अपने भाईजान को बुलाने लाते हैं।
"अब्बू, आपने हमें बुलाया?" शहजादे खुर्रम ने पूछा
"हां, शाह खुर्रम... हमने आपको बुलाया। क्या आप खुश हैं हमारे इस फैसले से?" बादशाह जहांगीर ने पूछा
"जी अब्बू, हमारा खुश होना तो लाज़मी है। हमारी सबसे अच्छी दोस्त से जो हमारा निकाह होने वाला है।" शहजादे खुर्रम बोले
"आखिरकार हमारे सबसे चहीते बेटे का सपना था यह।" बादशाह जहांगीर बोले
"जी अब्बू।" शाह खुर्रम बोले
"और हमारे चहीते बेटे होने के साथ तुम इस तख्त के असली वारिस भी तो हो।" बादशाह जहांगीर बोले
नूर जहां ये सारी बातें कमरे के बाहर खड़े होकर सुन रही थीं।
"हम ऐसा नहीं होने देंगे। तख्त पर तो शहजादे शहरयार ही बैठेंगे और वो भी हमारी बेटी से निकाह करके।" नूर जहां बोली और वहां से चली गई।
10 मई 1612,
"शहजादे  शिहाब अल्दीन मुहम्मद खुर्रम वल्द बादशाह जहांगीर क्या आपको अर्जुमंद बनी वल्द आसफ खान से निकाह कुबूल है?" मौलवी साहब ने पूछा
"कुबूल है।" शहजादे खुर्रम बोले
"क्या आपको यह निकाह कुबूल है?" मौलवी साहब ने पूछा
"कुबूल है।" शाह खुर्रम बोले
"क्या आपको यह निकाह कुबूल है?" मौलवी साहब ने पूछा
"कुबूल है।" शाह खुर्रम बोले
"अर्जुमंद बानो वल्द आसफ खान क्या आपको शहजादे शिहाब अल्दीन मुहम्मद खुर्रम से निकाह कुबूल है?" मौलवी साहब ने पूछा
"कुबूल है।" अर्जुमंद बोलीं
"क्या आपको यह निकाह कुबूल है?" मौलवी साहब ने पूछा
"कुबूल है।" अर्जुमंद बोलीं
"क्या आपको यह निकाह कुबूल है?" मौलवी साहब ने पूछा
"कुबूल है।" अर्जुमंद बोलीं
"मुबारक हो, अब आप दोनो मियां बीवी हुए हैं। अल्लाह आप दोनो को अपनी अज़ीम बरकतों से मामूर करे, आमीन।" मौलवी साहब बोले
"आमीन।" सारे बोले
"सुभानल्लाह, सुभानल्लाह।" सब बोले
"मुबारक हो भाईजान।" शहजादे शहरयार बोले
"शुक्रिया, हमारे प्यारे छोटे भाई।" शहजादे खुर्रम बोले
"हमारे अज़ीज़ बेटे और हमारी नई बहू को उनके निकाह की बहुत बहुत बधाई।" बादशाह जहांगीर बोले
"शुक्रिया, अब्बू।" शहजादे खुर्रम बोले
"शुक्रिया बादशाह।"अर्जुमंद बोलीं
"ये जश्न का वक्त है। आइए जश्न मनाएं।" बादशाह जहांगीर बोले
"तुमने खुर्रम का विवाह आरजू से करा के बहुत अच्छा किया, सलीम।" जोधा बेगम बोलीं
"मां, इतने दिनों बाद दिखीं हैं आप हमें।" बादशाह जहांगीर बोले
"मरियम उज जमानी जिंदाबाद।" महाबत खान बोला
"जिंदाबाद।" सब बोले
"दादीजान।" शहजादे शहरयार बोले
"आइए छोटे शहजादे, हम आपको आपके अब्बू की कहानी सुनाते हैं।" जोधा बेगम बोलीं और शहजादे शहरयार को अपने साथ ले गईं।
"मां।" बादशाह जहांगीर बोले
"हमेशा खुश रहो, आबाद रहो।" जोधा बेगम बोलीं
"मतलब?" बादशाह जहांगीर ने पूछा
"आशीर्वाद दे रहे हैं आपको, जहांपनाह।" जोधा बेगम बोलीं
"शुक्रिया, मां।" बादशाह जहांगीर बोले
और जोधा बेगम वहां से चली गईं।

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