यह दर्द पराया है, यह गम तेरा नहीं,
पूछा किया यारों ने, क्यों मैं रोती रही,कहते हैं वो, के भूल नहीं सकते वो हसीं कल,
इश्क़ - ए - नाकाम के भुला दो वो सारे पल,देखा जो तड़पते हुए उनको दिन - रात दर्द से,
क्यों ना बहे आंसू भी मेरे इस खयाल से,किसने कहा हाल उनका - मेरा एक सा नहीं,
उनकी तड़प किसी और की, मेरी उनके लिए सही।Edited:
यह दर्द पराया है, यह गम तेरा नहीं,
कैसे कहूँ तुम से मैं इतना क्यों रोती रही,कहते हैं वो, के भूल सकते नहीं वो हसीं कल,
इश्क़ - ए - नाकाम के भुला दो वो सारे पल,देखा जो तड़पते हुए उन्हे दिन - रात दर्द से,
आंसू न बहे क्यों मेरे भी इस ख़याल से,किसने कहा हाल उनका - मेरा एक सा नहीं,
उनकी तड़प किसी और की, मेरी उनके लिए सही।
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कुछ कविताऐं, कुछ नज़्म (Kuch Kavitaayein,Kuch Nazm)
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