इसी दौरान मैं ने इंटरनेट में पड़ा कोई लड़के भी ब्रेस्ट फीडिंग कर सकते है आधुनिक चिकित्सा के प्रगति से। औरतो में ब्रेस्ट मिल्क बनती है प्रोलैक्टिन हार्मोन के वजे से। अगर प्रोलैक्टिन हार्मोन कोई लड़के के शरीर पर प्रतिस्थापन की जाए तो वो भी औरतो की तरह ब्रेस्ट फीड कर सकते है। विदेश में ट्रांसजेंडर औरत और गे कपल ये करवाते है। इंडिया में भी ये चिकित्सा कुछ कुछ बड़े शहर में उपलब्ध है। और कोलकाता में इसकी उपलब्धि है। मैने मन मे ठान ली के अगर यह सम्भव है तो मैं खुद हॉर्मोन लूंगा और मनु को ब्रेस्ट फीड करूँगा। न जाने मेरे अंदर एक ममता उभरकर आ गयी थी उस दिन। मैने कोलकाता जाने कि प्लान बनया। इंटरनेट से डक्टर की जानकारी भी मिली थी। अगले दिन सुबह कोलकाता गया। मुझे बहुत डर भी लग रहा था। डक्टर की चेम्बर में घुसते ही मेरा हार्ट बिट तेज हो गया। यह पे ज़्यादातर पेशेंट कुछ अजीब सी लग रहे थे। शायद ट्रांसजेंडर टाइप। जब मेरा नम्बर आया मैं अपने आपको सम्हला । और केबिन में घुस गया। फिर डक्टर को अपनी जरूरते बताया। डक्टर ने सब सुनकर थोड़ा तज्ज्ब हुए और सम्बेदनशील भी हुए। उन्होंने कहे " आप बहुत बड़ा जिम्मेदारी ले रहे हो, इसमें आपका खुद का भी नुकशान हो सकता है। आपका शरीर मे काफी परिबर्तन हो सकता है। इस हॉर्मोन की प्रतिक्रया से आपका स्तन उभर के आ सकता है। सरीर लड़कियो की तरह नरम हो सकता है। और ये अपरिबर्तनीय भी होगा। " ये सब जानने के ववाजुत भी मैं तैयार हो गया। डक्टर ने एक बांड पेपर पर मेरा दस्तखत लिए कानूनी जरूरत के माफिक। और मेरी दबाई लिख कर दे दिए। बगल के मेडीसिन शॉप से दवाई लिया और फिर खरगपुर वापस आ गया।
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