मैने ट्रेन पकड़ ली कोलकाता वाली। ट्रेन में खिड़कीवाली सीट पर बैठ गया। मेरा शर्ट पिंक कलर की थी। कुछ देर चलते ही मैने ध्यान दिया के उल्टे तरफ एक 40-45 शाल का आदमी मेरा तरफ अड़े नज़र से कुछ देख रहा है। मैने पहले नजरअंदाज कर रहा दी। पर बाद में मुझे पता चला के मेरे शर्ट के अंदर से सफेद ब्रा की स्ट्राप दिख रही है और ये आदमी इसी को घूर रहा था। पर छुपाने का कोई गुंजाइश नही थी। मुझे डर लग रहा था। अगर इसने कुछ बदतमीजी की तो क्या होगा। सबको अगर पता चल गया के मैं लड़का होके भी ब्रा पहनी हूँ तो मेरी बेज्जती हो जाएगी। मैंने डर के मारे चुपचाप मुह खिड़की की तरफ रखके बैठा रहा। इसके बाद हावरा स्टेशन आ गई। यहां से कोलकाता की बस पकड़ना पड़ता है। फिर मैने ट्रेन से उतारने के लिए मैं दरवजा के पास आके खरा हुआ। उस आदमी ने मुझे देखते ही तुरन्त सीट छोर के आगे आया और ठीक मेरे ही पीछे खरा हो गया। जैसे ही ट्रैन स्टेशन में रुकनेवाली थी तो पीछे सब पैसेंजर खरे हो गए। भीड़ बड़ गई तो उस आदमी ने मुझे टच करने की कोशिश करने लगा। उसने धीरे से हाथ उठाके मेरा पीठ में टच किया और उंगली से ब्रा की स्ट्राप को सहलाने लगा। उसने मेरी कान के पास आके गन्दी बाते भी की, जैसे " मस्त चुचिया है तुमारे, मेरे साथ रहो गे, कितनी दूध देती हो हर रोज, मेरी बच्चे की मा बनो गे? .......न जाने और कितना अनाप शनाप बोलता रहा.."। मेरी धड़कने उस वक्त बहुत तेज हो गईं। किसीको बोल भी नही सकता थी न सह भी सकता। मैने मन ही मन मे भगवान को पुकारता रहा।
प्लेटफार्म से उतरते ही मैने जोर कदम भागने लगा वस स्टैंड कि तरफ। आखिर सही सलामत बस स्टैंड पौछ गया। बस पकड़के फिर डक्टर के पास आ गया। डक्टर ने कहा मेरा शरीर मे हार्मोन की प्रतिक्रिया बहुत तेज हो रही है। किसी किसी की एसा होता है। उन्होंने ये भी कहा कि बहुत जल्द ही मेरी स्तन लड़कियों की तरह उभर सकती है। इस लिए मुझे सही माप की ब्रेसियर पहनना चाहिए ताके ब्रेस्ट की शेप सही रहे।
मैंने उनको ये भी एडमिट की के अब मुझे औएतो जैसी फीलिंग आने लगती है। उन्हीने कहा ये सब हार्मोन की इफ़ेक्ट है और ये होता रहेगा। फिर उन्होंने कुछ और दवाई दी। कुछ मेडिकल टेस्ट भी करवाया। उसके बाद मैं खरगपुर आने की तैयारी की।
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