2 दिन के बाद टेलर अंकल 2-3 सलवार-कमीज, ब्लाउज और पेटीकोट सिलवाक़े ले आये। मैन पीयुष की खरीदी हुई एक साड़ी के साथ ब्लाउज पहनके फिटिंग चेक कर लिया। मुझे याद आई पीयुषने उस दिन एक लाल रंग की सारी दिलवाया था। जिस की मैचिंग ब्लाउज भी मुझे मिल गई थी। इस से पहले मैंने कभी साड़ी पहनने का तरीके सीखी नही, उस दिन न जाने कैसे दिमाग खुल गया और मैन पहन लिया फटाफट। लाल साड़ी और ब्लाउज पहनके और भी औरतपन की महसूस बड़ गई। मैन एक लाल बिंदी और लिपस्टिक लगा लिया। अब मैं पूरी तैयार हो गई थी। फिर जैसे ही आईने में खुदको देखी तो एक अजीब सी फीलिंग आयी। दिल मे एक हल्के सी कुछ सनसनी मची। ऐसा लग के जिंदगी में पहली बार अपने आप को जैसे ढूंढ पाया।
जैसे सोचने लगी क्या ये ही मेरा असली रूप है? भगवान को अगर इसी दिन मुझे दिखानी थी तो क्यों मुझे पैदाइस लड़की नही बनाये? कई सवाल दिल मे आने लगी। खैर अपने आपको सम्हला और खुदकी खूबसूरत को निहारती रही। उस वक्त मैं एक हाउसवाइफ की तरह लग रही थी। तैयार होक जैसे ही कमरे से निकली पीयुष सामने आ पड़ा। पीयुष की नज़र से मेरी सरीर शरम और हया से पिकल गई। पीयुष ने तार तार के मेरी खूबसूरती को परख लिया। मैने आँखे नीचे कर लिया और रसोई में चला गया। बुआ मुझे देखकर हैरान हो गए। कहा जैसे नई दुल्हन घरमे आई। उन्होंने कहा अब सिर्फ सर की बाल कटाना बंध करना है। लम्बी बाल में और भी खूबसूरत दिखेगी।
रात को डिनर करके मैं मनु को लेकर बेड रूम पर आ गया। सारी पहनने से मनु को स्तन पिलाने में काफी आसानी हो गई। और मुझे कम्पलीट ममता की एहसास भी हो रही। रात को बिस्तर में जाने से पहले मैंने पूरी बदन को सेव भी कर लिया था। अपनी जिस्म का चिकनेपन और निखार मुझे खुदको ही भा गई। मनु की सोने के बाद पूरी रात अपने आपको आईने में देखते रही। माथे पे थोड़ा सा सिंदूर लगौ तो खूबसूरती दुगनी हो गई।
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Lãng mạnये एक लड़का से कैसे एक कर्सड्रेसर बनने का और अपनी बचपन की दोस्त की ही बीवी बनने की काल्पनिक किस्सा है। ये कहानी एक समकामी और रूपांतरकामी लोगो की लिये ही रचाया गया है। जो लोग इस समंध को पसंद नही करते वे ये स्टोरी मत पड़े। मैं वास्तव में एक रियल क्रोसड्...