मेरी पहली क्रोसड्रेसिंग

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पीयुष और मैं करीब रात की 8 बजे घर घुस गए। घर पौछते ही बुआ ने कही के मनु खूब रो रहा था। सुबह से ठीक से खा पी नही रहा है। तुरन्त मैने दौड़के अंदर की रुम पर जा के उससे गोदी लिया और प्यार किया। फिर बिस्तर की कोने में जाकर गोदी में लेटाकर बैठ गया। अपनी शर्ट की ऊपरवाली दो बटन खोल कर मनु की मुह में निप्पल डाल दी। मनु काफी भूका था देर से। निप्पल मुह में जाते ही जोर से चूसने लगा। 2 मिनट में उसने मेरी लेफ्ट ब्रैस्ट की खत्म कर दी और फिरसे रोने ने लगा। मैन उल्टा करके राइट वाली पिलाना स्टार्ट किया। फिर कुछ देर बाद वो गोदी में ही सो गया। मैने बिस्तर में लिटाकर चला आया। रात को हम सब एक साथ डिनर पे बैठे। बुआ ने मेरी हार्मोन वाली बात छेरी। पीयुष को सब पता था इस लिए बुआ को ज्यादा कहना नही परा। पर बुआ एक सवाल उठाए। उन्होंने कहा मेरे सरीर का तब्दीली इतना तेज हो रहा है के ये सब छुपाना मुश्किल हो जा रहा है। उनके मोताबिक मुझे अभी लड़कियों की कपड़े पहनना चाहिए जैसे कि साड़ी, सलवार कमीज़ आदि। यह शब्द कानो में जाते ही मुझे शरम भी आ रहा था और मन ही मन मे उतावला भी हो रहा था। पीयुष भी बुआ के साथ सहमत हो गया। और बुआ के कहने पर मेरा कपड़े लाने की प्लान बनाया। अगले दिन सुबह पीयुष ने उसके कोई जानी पहचानी टेलर को घरपे बुलाया। टेलर काफी बुजर्ग टाइप की थे। उन्होंने मुझे देखकर थोड़ा हैरान तो हुए पर बाद में समझ गए।  टेलर ने मुझे नापना सुरु किआ। मुझे काफी शरम आ रहा था। जब उन्होंने मेरा छाती की नाप लेने गए तब मेरी तो निकल पड़ी। उन्होंने फीते को बगल के नीचे से घुमाके मैंरी ठीक निप्पल के ऊपर से पकड़ा। फीते सेट करने के लिए उनकी उंगीलिया मेरी नरम कमसिन चुचिया को बार बार छू रहा था। ये सब पीयुष की आखो की सामने ही हो रहा था। मैं उनकॉम्फोरटेवल हुई तो पीयुष कह दिया "बस बस अंकलजी जल्दी करो, हमे बाजार भी जाना है"। फिर टेलर ने सलवार, कमीज का आर्डर लेके चले गए।
इसके बाद मैं और पीयुष लंच करके बाजार के लिए चल पड़े। निकल ने से पहले मनु को दूध भी पिला दिया। पीयुष ने सबसे पहले एक लेडिस उंडेर्गारमेंट के शॉप में ले गया। उहा पर जा कर उसने रिसेप्शनिस्ट से पूछा ब्रा चाहिए। तोह रिसेप्शनिस्ट लेडी ने पूछा साइज के बारे में। पीयुष ने फट से कह दिया 34B। न जाने कैसे अंदाजा लगाया, पर मुझे तज्ज्ब हुआ बाद में जब वो साइज मेरी फिट हुई। फिर 2-4 ब्रा, और 36 कि एन्टी और एक ब्लू कलर के गाउन ले लिया गया। इसके बाद साड़ी लेने की नौबत आई। एक बड़े शोरूम पे लेके पीयुष ने काफी साड़ी ले लिया। कुछ रोजाना पहनने के और कुछ बाहर के लिए। शायद सोनाली के साथ शॉपिंग करते करते पीयुष इतना पक्के बन चुका था। ये सब लेकर हम फिर घर वापस आ गए।
नहाने के बाद मैंने नए ब्रा और पैंटी पहन लिया। ब्रा की साइज पूरी फिट पर गया। पीयुष की आंखों ने मेरी बूब्स की साइज को अच्छी तरह नाप लिया। इस से पता चलता पीयुष मेरी उभरते बदन को कितना घूरता है। हार्मोन के वजे से मेरी स्किन भी काफी स्मूथ हो गई थी। ब्रा के बीच मे से जहाँ क्लीवेज बनती उहा काफी सफेद और खूबसूरत दिख रही  थी। मैने इसके ऊपर गाउन को पहन लिया।

पीयुष और मैं करीब रात की 8 बजे घर घुस गए। घर पौछते ही बुआ ने कही के मनु खूब रो रहा था। सुबह से ठीक से खा पी नही रहा है। तुरन्त मैने दौड़के अंदर की रुम पर जा के उससे गोदी लिया और प्यार किया। फिर बिस्तर की कोने में जाकर गोदी में लेटाकर बैठ गया। अपनी ...

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गाउन की सामने ऊपर से नीचे तक कटा हु था। मनु को दूध पिलाने में आसानी होगी। शायद ये सोच कर ही पीयुष ने दिलवाई। बुआ ने शाम को उनकी एक सहेली को बुलाये। वो मेरे कान और नाक छेद कर दिया। मैन दो झुमके भी डाल दी।

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