पीयुष ऑफिस जाने के बाद मनु का देखभाल करना और घर ग्रहस्ती का काम करना ही मेरा रूटीन बन चुका था। शाम को पीयुष घर आते ही उसे चाय नास्ता देना भी मेरा जिम्मा था। घर मे एक कामवाली आती थी जो मुझे बोउदी यानी भाबी कहकर पुकारती थी। आसपास के लोगो भी मुझे पीयुष का बीवी ही समझते थे। एक दिन ऐसे ही दुपहर पे मनुको दूध पिलाके बिस्तर मैं बैठा था और फेसबुक कर रहा था। गर्मी के मौसम था इसलिए ब्लाउज की बटन खुला ही छोर दिया था मैने। सोचा अकेला ही तो हूं। लेकिन अचानक गज़ब हो गया । पीयुष आ गया और सीधे कमरे में घुस गया। मैं अधखुली स्लीवलेस ब्लाउज में उसके सामने आ पड़ी।
मैं आज अंदर ब्रा भी नही पहना था। मेरी गोल मोल सफेद दुद्दु पीयुष ने आज देख लिया । सिर्फ मेरी निप्पल ही छुपी थी साड़ी में, बाकी खुली थी। मैन झट से ढक के बटन लगाने लगा। दोनो एक दूसरे को देखकर शर्मा गए। पीयुष तुरन्त आँखे नीचे कर ली। मैन ब्लाउज की बटन लगाने लग गई। फिर पीयुष ने कहा आज जल्दी छुट्टी ली किउके शाम को एक इनविटेशन है, उसकी फ्रेंड का घर पर। असल मे फ्रेंड की शादी का शाल गिरा था। पीयुष ने मुझे भी जाने के लीए कहा। पर मैने पूछा मैं कैसे जाऊंगा। कोई पूछे तो क्या जवाब दोगे। उसने कहा मैं सम्हाल लूंगा। तुम तैयार हो जाना बस।
फिर करीब सात सवा सात बजे पीयुष मुझे तैयार होने को कहा और मनु को भी रेडी करने बोला। मनु को तैयार करके मैं जब खुदकी चेंज करने के लिए जाने लगी तब ही पीयुष ने मुझे बुलाके एक नई निली रंग की सारी हाथ पे थम दी। सारि के साथ एक स्लीवलेस् ब्लाउज़ भी थी। कहा इससे पहनो।
मैं मुस्कुराके सारी लेके अंदर चली गई। फिर चेंज करके जैसे ही आईने के सामने आया तो हैरान हो गया।
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