सब लोग पीयूष की दूसरी सादी कि सोच रहे थे। पर पीयूष बिल्कुल ही न राजी था। सब कह रहे थे मनु की देखभल के लिए तो शादी जरूरी है। पर जब तक मनु को सम्हलना मेरे बस की थी तहतक कोई झंझट नही हुई। पर कुछ हप्ते बाद मनु का तबियत बिगड़ ने लगा, बार बार पेट की गरबर हो रहा था। मनु उन दिन सिर्फ गायें का दूध ही बोतल से पिता था। डॉक्टर ने कहा इसको गायें का दूध हजम नही हो रहा। इसके मा की दूध पिलाना बहती जरूरी है। समस्या यह थी के मा का दूध कहा से मिलेगा। हमने सब ट्राई की। पर एसे कोई औरत जो ब्रेस्ट फीडिंग के लिए राजी हो मिल रही थी। मनु की तबियत दिन व दिन बुरा हो रही थी। मैं, बुआ और पीयूष हम सब बहुत ही परेशान हो रहे थे।कोई हल नही निकला महीने भर।
आप पढ़ रहे हैं
एक लड़का से कैसे एक कर्सड्रेसिंग बीवी बनी
Romanceये एक लड़का से कैसे एक कर्सड्रेसर बनने का और अपनी बचपन की दोस्त की ही बीवी बनने की काल्पनिक किस्सा है। ये कहानी एक समकामी और रूपांतरकामी लोगो की लिये ही रचाया गया है। जो लोग इस समंध को पसंद नही करते वे ये स्टोरी मत पड़े। मैं वास्तव में एक रियल क्रोसड्...