35. तुम भुला देना

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कि मैं चाहु ना अब कुछ भी,
तुम उड़ा देना मुझे लफ्ज़ो के साथ...

वो जो बाते मैंने कही तुमसे,
तुम भुला देना मेरे जाने के बाद...

खामोशी तो हमेशा से थी,
तुम छुपी तोड़ देना एक बारी रोने के बाद...

मैं भी समझ जाऊंगा कि सुन लिया किसी ने मेरा सारा दर्द,
मेरे चले जाने के बाद...

Ishaare Shabdon Keजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें