कि ये कलम उथि हर उस व्क्त पे है जब कोइ उस व्क्त को सम्ह्ज ना साक।।।
कि ये कलम उथायि हर उस शख्स ने है जिस्कि बआत कोइ सम्ह्ज ना साक।।।
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Ishaare Shabdon Ke
PoezieAt last, this is my first book or the first attempt by me to represent my words. I hope so you all love this. This is not only the combination of words in a rhyming form like Hindi poetry, these lines are a story for me that describes how I handled...
इशारे शब्दों के
कि ये कलम उथि हर उस व्क्त पे है जब कोइ उस व्क्त को सम्ह्ज ना साक।।।
कि ये कलम उथायि हर उस शख्स ने है जिस्कि बआत कोइ सम्ह्ज ना साक।।।