इशारे शब्दों के

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कि ये कलम उथि हर उस व्क्त पे है जब कोइ उस व्क्त को सम्ह्ज ना साक।।।

कि ये कलम उथायि हर उस शख्स ने है जिस्कि बआत कोइ सम्ह्ज ना साक।।।

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