21. नफ़रत

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कि नफ़रत करु तो क्यू करु,

मुझे क्या मिलेगा...

कि माफ करु तो क्यू करु,

मुझे क्या मिलेगा...

कि काश ये सवाल पहले सोच लिया होता...

की महोबत कारू तो क्यू कारू,

मुझे क्या मिलेगा...

Ishaare Shabdon Keजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें