3. खामोश बैठा हूँ

1 1 0
                                    

कि मैं खामोश बैठा हूँ,
तुम छुपी तोड़ोगी क्या...

कि मैं अकेला बैठा हूँ,
तुम बात करोगी क्या...
कि मैं जान बैठा हूँ अपने बारे में सब कुछ,
कुछ तुम कहोगी क्या...

कि मैं खामोश बैठा हूँ,
तुम छुपी तोड़ोगी क्या...

कि मैं लिख बैठा अपनी कहानी यहां तक,
​​अग्गे तुम लिखोगी क्या...

कि मैं कर बैठा अब इज़हार महोब्बत,
तुम जवाब दोगी क्या...

कि मैं खामोश बैठा हूँ,
तुम छुपी तोड़ोगी क्या....

Ishaare Shabdon Keजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें