10. काम्बियाबी

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कि मंजिलों का नपे रास्ता क्यू,
जब कलम पड़ी तेरे हाथ में...

नपने को पूरा अंबर रहता,
देख न नज़ारे इस संसार में...

होसलो की उड़ानो से ना डरियो,
जब तू खड़ा तेरे साथ में...

क्यों तातोले इस दुनिया को,
जब काम्बियाबी छुपी तेरे अपने आप में...

कि मंज़िलो का नपे रास्ता क्यू,
जब कल्लम पड़ी तेरे हाथ में...

Ishaare Shabdon Keजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें