अनकहे लफ्ज़ जो एहसासों से भरें है।
कुछ जुड़े, कुछ टूटे बिखरे पड़े हैं।
कुछ अपने है, कुछ तुम्हारे वो अल्फाज़ जो आंशुओ में भरे हैं।
ना किसी ने सुने न किसी ने कहे हैं।
अनकहे से लफ्ज़,,,,,,,,,,,,
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अनकहे लफ्ज़ जो एहसासों से भरें है।
कुछ जुड़े, कुछ टूटे बिखरे पड़े हैं।
कुछ अपने है, कुछ तुम्हारे वो अल्फाज़ जो आंशुओ में भरे हैं।
ना किसी ने सुने न किसी ने कहे हैं।
अनकहे से लफ्ज़,,,,,,,,,,,,