सफ़र जिंदगी का अब कटता नहीं है।सब कुछ तो खो चूका ,
अब खोने को कुछ बचा नहीं है।सफ़र जिंदगी का अब कटता नहीं है
क्या खोया ,क्या पाया इस सफ़र में हमने ,
क्या पाया पता नही,पर सब कुछ गवाया है हमने,
और अब हमे कुछ गवांना नहीं है।सफ़र जिंदगी का अब कटता नही है।
एक वक्त था जब सब साथ थे मेरे,
और अब एक का भी सहारा नही है।सफ़र जिंदगी का अब कटता नही है।
कभी बागों में फूल खिला करते थे ,
गाया करती थी फिजाएँ,
अब वो दौर वो वक्त ही नही है।सफ़र जिंदगी का कटता नही है।
अब एक पल भी वरष लगते है,
सावन भी प्यासे लगते है ,
मैं भी हूँ प्यासा पर ,सावन ही नही है।सफ़र जिंदगी का कटता नही है।
कभी मंज़िल थी सामने और हजार रास्ते थे,
और मंजिल भी नही अब और रास्ता नहीं है।सफ़र का जिंदगी का कटता नहीं है।