Apna-Sa

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युहीं कट जायेगी राते ,तू इंतजार मत कर।

अँधेरा है कुछ पल का, तू रौशनी का जुगाड़ मत कर।

जिंदगी मिली है ,तो जी ले इसे ,इसका इम्तहान मत कर।

हम कभी तो तेरे थे ,जुदा हो गए तो क्या हुआ,
गैरों सा व्यवहार मत कर।

हर किसी को नही मिलती है ये मंजिलें,
पर शायद तू आज जहाँ खड़ा है ,वही तेरी मंजिल हो,
तू मंजिलों की तलाश मत कर।

हार तो जिंदगी का एक हिस्सा है दोस्त,
और जीत भी सब कुछ नही होता,
दोस्ती में हार ही गए तो क्या हुआ ।
तू हार कर करनाद मत कर।

आगे गहरे खाई हो,नदी हो या सागर,
तुम्हें तो बस जाना है ,तू पीछे मुड़ जाने का सवाल मत कर ।

तू सहनशील बन,विजय पा खुद पर
डर मत आगे बढ़,सोच कर समय को बर्बाद मत कर।

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