Teri Yaadon Ke Aagosh Mein

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तेरी यादों के आगोश में

मैं यूँही बैठा बीते पलों में तूझे ढ़ूंढ़ रहा था

तेरे सांसो के तबस्सूम को महसूस कर रहा था

तभी कानों में एक आवाज आई कि

जिसे तू ढ़ूंढ़ रहा है

वह बीते पलों मे ही कहीं खो गया है

तेरी यादों के आगोश में

मैने तूझे माँगा था खुदा से

अपनी जिंदगी के खालीपन को भरने के लिए

तूझे अपनाकर लम्हों को संवारने के लिए

तेरी यादें तो हैं मेरे दर-बदर
पर फिर भी तू क्यूं नही है

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