क्या करें किससे करें शिकायत किसकी
वक्त ने इस मोड़ तक पहुँचा दियाअभी तो मेरी उम्र ही क्या थी
क्यों मुझे इतना बड़ा बना दियादो पल की खुशीयों से अब जी नही भरता
समय ने एक पल को भी, जिंदगी का हिस्सा बना दियाखुदाया तुझसे भी क्या शिकायत करूँ
किसी को महल दिया,
किसी को किताब का किस्सा बना दियामैने तो माँगी थी एक ही खुशी, दिया भी तूने
पर रास्ते में तन्हाईयों को भी खड़ा किया ।