Bhachpan

160 5 2
                                    

हरकते बिगडने लगी जब मैं बड़ा होने लगा।
सबों को मुझ में खामिया नजर आने लगी,
मेरा उनपर से असर ख़त्म होने लगा ।

जब हम छोटे थे तो हर कोई प्यार करता,
हर कोई चाहता था हमे,
पता नही आज क्यों हमे जवानी से ज्यादा बचपन
प्यारा लगने लगा।

अब हर कोई डांटता हमे ,
तरजीह देता हमे सुधर जाने की।
एक बार फिर जीना चाहता हूँ बचपन,
न जीवन जवानी की।

Shikaayat.... (In Hindi)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें