पाठ-8

232 8 0
                                    

पापा को भाई की याद आ गई थी जो आर्मी में था ! जो बहुत ही बहादुर था उसके अफसर उसकी बहुत तारीफ करते थे ! एक दिन दुश्मन देश के साथ झडप में भाई लडते लडते सबसे आगे अपने बाकी साथियों को बचाते हुए गोली का शिकार हो गया !

आर्मी के अफसर आज भी पापा का भाई को मिले वीरता चक्र के लिए सम्मान करते है !

अनु पापा के पास जा कर उनकी आंखों से आंसू साफ करते हुए बोली : पापा भाई आज भी हमारे बीच है आपको रोता देख कर दुखी होगा !

पापा : नही बेटा ये खुशी के आंसू है !
पापा ने अपनी आंखें साफ की और अनु को आराम करने को बोल कर अपने कमरे में चले गये !

अनु फटाफट फ्री होकर अपनी किताबे लेकर अपने कमरे में बैड पर बैठ गई ! मां पापा को खाना देकर खुद भी खाने बैठ गई !
तभी अनु का फोन बजा ! अनु ने एकदम से फोन की घंटी बन्द की ! अनु ने फोन उठाया नही ! अनु को लगा कि फोन की घंटी पापा ने ना सुन ली हो और वो पूछने आ जाए अनु के कमरे में !

पापा सारा दिन दुकान पर थक जाते है ना तो रात को घर आते ही खाना खाकर अनु से बाते करके सो जाते है !
अनु को लगा मां और पापा सो गये है !

तभी दोबारा फोन बजा ! अनु ने फटाफट फोन उठा लिया ! अनु को राज का नम्बर पता था !
उधर से आवाज आई: हैलो !!!
अनु : अचछा जी ! याद आ गई मेरी‌! बडी जल्दी आई !
राज ; ज्यादा बाते मत बनाओ ! इतनी तुमको याद आ रही होती मेरी तो पहली रिंग पर फोन उठा लेती !

अनु : अरे बाबा गलती हो गई लेकिन पापा सुन लेते इसलिए साइलेंट करना पडा फोन !
राज ; अच्छा जी प्यार भी करती हो और डरती भी हो ! ये तो गलत बात है !

अनु : डरना भी जरूरी है मां पापा से ! बिना बताए तुमसे प्यार जो हो गया !
राज : क्या कर रही हो !

अनु : बस किताबें लेकर बैठी थी नोट्स बनाने है कल क्लास में जमा करने है लेकिन पढाई में तुम दिख रहे हो हर तरफ !
राज : अच्छा जी मतलब मुझे कोस रही हो कि मैं तुम्हारी पढाई में आ गया !

अनु : नही राज ! बहुत समय से तुमको चाहती थी बस कह नही पाती थी तुम्हारे आगे पीछे बहुत लड़कियां रहती थी सोचा मुझे कहां से मिलो गे तुम !

अनु थोड़ा रुक कर फिर बोली : अब तुम एकदम से मिल गये तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नही है ! तुम मेरा साथ तो नही छोड़ो गे ना ?
अनु ने एकदम से सीरीयस होकर पूछा !

राज : पागल हो क्या तुम ? अभी मिले है और अभी छोडने की बाते कर रही हो !

अनु : नही राज , मुझे तुमसे सच्चा प्यार हो गया है बस डर है कि तुमको खो ना दू !

राज : स्वीटहार्ट !! अब ज्यादा मत सोचो और कल मिलने के बारे में सोचो !

अनु थोड़ा शरमाते हुए बोली ; मुझे भी कल पहली बार तुमसे मिलने की बहुत खुशी है !
राज : चलो ठीक है फिर कल मिलते है ! आई लव यू !
अनु : आई लव यू राज !
अनु  फोन रख कर सोचने लगी राज के बारे में ! पता नही कब उसे नींद आ गई ‌!

सुबह अनु आज मां से भी जल्दी उठ कर चाय बनाने लग गई !

अनु को रसोई में देखकर मां उठते ही बोली : अरे आज सूरज किधर से निकला ? देखिए अनु के पापा आपकी लाडली आज चाय बना रही है !

पापा भी उठ कर अख़बार लेकर बोले : अच्छा है ना बेटा काम कर रही है अब तुम बैठ कर आराम से चाय पीओ !

अनु चाय बना कर मां पापा को देते हुए बोली पापा आज कालेज के बाद ऐक्सट्रा क्लास है तो सोच रही हू कि अटैंड कर लू वैसे भी वहा कुछ पढाई में कुछ ज्यादा तैयारी हो जाएगी !
पापा : हा बेटा सही भी है ऐक्सट्रा क्लास जरुर लेनी चाहिए !
अनु पापा की हां मिलते ही खुशी से चाय का कप लेकर अपने कमरे में चली गई !

अनु तैयार होकर का कालेज के लिए निकल गई !

कालेज पहुंचते ही उसकी नज़रें राज को तलाश रही थी !
तभी सामने से कालेज के मेन गेट से राज अपनी जीप में दाखिल हुआं ! काले रंग की कमीज काली पैंट और काला चश्मा लगा कर राज किसी हीरो से कम नही लग रहा था !

सभी लड़कियां जो आसपास खडी थी राज की तरफ देख कर हाथ हिला रही थी !

अनु भी राज को एकटक देखने लगी ,उसकी जीप अनु के पास से निकली तभी राज ने चश्मा थोडा नीचे करके अनु की तरफ देखा ! अनु राज के साथ नजरे मिलाते ही शरमा कर मुस्कुरा दी और क्लास की तरफ चल दी !

जैसे तैसे आज अनु ने कालेज खत्म किया और राज के फोन का इंतजार करने लगी ! आज का दिन अनु के लिए बीत ही नही रहा था ! सुबह से वो शाम होने का इंतज़ार कर रही थी !
तभी राज का फोन आ गया और उसने अनु को कलेज के बाहर कुछ दूर चल कर एक फूलों की दूकान की तरफ आने को कहा !
अनु फटाफट कालेज के बाहर निकल गई !

नई सड़क पार्ट-1जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें