पाठ-9

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अनु तेज कदमों से फूलों की दुकान के पास पहुंच गई ! तभी राज काले रंग की कार लेकर पास रुका ! और अनु को गाडी में बैठने का इशारा किया !

अनु फटाक से आसपास देखती हुई गाडी के दुसरी तरफ घूम कर राज के साथ वाली सीट पर बैठ गई !

राज ने तेज़ी से गाडी आगे बढ़ा दी !

अनु : अरे धीरे तो चलाओ !

राज : क्यो ? डर लगता है तुमको ?

अनु : हा लगता है ! यह कह कर अनु शरमा कर मुस्कुरा दी !

राज गाडी चलाते हुए अनु की तरफ प्यार से देखते हुए बोला : क्या बला की खूबसूरत लग रही हो आज ! गुलाबी स्कर्ट और काला टाॅप ! वाह और लम्बे बाल हिप्स तक खुले हुए !

अनु ; अच्छा जी ज्यादा भी तारीफ मत करो ! तुम भी किसी से कम नही लग रहे हो आज ! पूरे कालेज में लड़कियां घूर रही थी तुमको !

राज : अब क्या करे लड़कियां हम पर मरती है लेकिन हम तो तुम पर मर चुके है !

राज को अपनी तरफ देखते हुए अनु शरमा गई !

गाडी शहर से बाहर की तरफ निकल गई थी !
आसपास थोडा आवाजाही कम देखकर अनु बोली ; हम कहां जा रहे है ? ज्यादा दूर तो नही ? टाईम से घर वापस पहुंच जाए गे ना ?

राज : अरे वकील साहब इतने सारे सवाल एक साथ ! घबराओ मत ! तुमको भगा के नही ले जा रहा हूं ! मेरे डैड का फार्म हाउस है थोडा शहर से  हट के ! डैड एम एल ए है तो फार्म हाउस थोडा शहर से दूर बनवाया है  कभी कभी हम पूरा परिवार आता है यहां पिकनिक मनाने !

अनु : अच्छा !
राज : हा जी ! और आज तभी तुमको भी अपना फार्म हाउस दिखाने ले आया !

राज ने एक तरफ मेन सडक से गाडी साईड में एक जा रहे रास्ते की तरफ मोड दी !
उस रास्ते पर कुछ दूर जाकर राज ने गाडी रोक दी !
एक बहुत बडा सा गेट था ! होर्न की आवाज सुनकर एक हट्टा-कट्टा आदमी गेट खोलने आ गया ! और राज को सलाम करने लगा !

राज ने गाडी अन्दर लगा दी ! बहुत ही बडा विला था ! हर तरफ हरियाली थी पेड पौधे थे ! एक तरफ स्वीमिंगपूल भी था !

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