पाठ- 16

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शाम के छे बजने वाले थे ! अनीता तो बस इन्तजार कर रही थी विक्रम के आने का ! उसको इधर से उधर बार बार घूमते देख कर अनु बोली: तू टिक के बैठ क्यू नही जाती ? वो घर ही आयेगा उसको घर पता है !

अनीता : नही यार बस बेचैनी बढती ही जा रही है मै उसे करीब से देखना चाहती हू वो इतना खूबसूरत और हैंडसम है !
अनु अपने सर पर हाथ मारती  हुई बैडरूम में चली गई !
तभी बाहर दरवाजे की बैल बजी और अनीता ने भाग कर दरवाजा खोला ! सामने विक्रम खडा था ! नीले रंग की कमीज और ब्लैंक पैंट और कमीज़ के आगे के दो बटन खुले हुए गले में सोने की चैन , आंखों पर डार्क नीला चश्मा ! उफ वो कयामत लग रहा था !

अनीता उसे दरवाजे पर ही खडी खडी घूर रही थी ! तभी विक्रम ने अनीता को कन्धे से पकड कर हिलाया और बोला : लगता है मेरी चाय यही आयेगी !

अनीता अचानक संभलते हुए बोली: नही नही आओ आप अन्दर ,मै आपका ही इन्तजार कर रही थी !

विक्रम सीधा बाथरूम के आगे लगी सिंक में हाथ धो कर लिविंग रूम में सोफे पर बैठ गया !
अनीता उसके सामने दुसरे सोफे पर बैठ गई और उसे सर से पांव तक देखते हुए बोली : आप तो ना फिल्मों में ट्राई करो आपको काम जरुर मिल जाए गा ! क्योंकि आप इतने हौट और हैंडसम हो बिल्कुल सिद्धार्थ मल्होत्रा के लुक लाईक !

विक्रम मुस्करा के: अरे मै अब क्या भूखो मर रहा हूं कि मुझे फिल्मों में काम ढूंढने जाना है मेरा अच्छा खासा बिजनेस है एक्सपोर्ट का !

अनीता : ये तो अच्छी बात है ! मै आपके लिए पानी लाती हूं !

विक्रम की नजरें आस पास देख रही थी जैसे वो कुछ ढूंढ रहा हो !
विक्रम एक दम से उठा और रसोई के सामने एक टेबल था छोटा सा उस पर एक  फिल्मी पत्रिका रखी थी वो उठाने लगा,वही से बैडरूम का अन्दर दिखाई देता था ! विक्रम ने पत्रिका उठाते हुए अपने हाथ से अपना चश्मा थोडा नीचे करते हुए बैडरूम के अन्दर देखा ! अनु बैड पर बैठी थी और फोन देखने में बिजी थी ! जैसै ही विक्रम ने अनु की तरफ देखा अनु ने भी अचानक दरवाजे की तरफ देखा , दोनों की नजरें मिली , विक्रम ने मुस्करा कर सर हिलाया जैसे नमस्ते कर रहा हो लेकिन अनु ने मुंह दुसरी तरफ कर लिया !

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