पाठ-15

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अनु ने पीछे मुड़ कर देखा तो वही औरत जो राज के फार्म हाउस पर अनु को घूर रही थी ! वो अनु को पकडे खडी थी !

अनु तेजी से उससे अपने आप को छुडा कर एक तरफ खडी हो गई ! उसके दिल में एक डर सा पनपने लगा कि ये औरत यहां कैसे ? या मै यहा कैसे ?

तभी वो औरत बोली : बैठ जाओ बिटिया ! मै तुम्हारे सारे सवालों के जवाब दे दूंगी !

अनु : मै मरना चाहती हूं मै यहां कैसे आई ? तुम नही जानती मेरा सब कुछ खत्म हो गया है ! यह कह कर अनु फूट फूट कर रोने लगी !

वो औरत अनु के पास बैठ गई और बोली: जानती थी तुम्हारे साथ जो भी हुआ और तुम ये कदम उठाओ गी यह भी पता था क्योंकि वो राक्षस किसी को जीने नही देता अगर कोई उसके रास्ते में आ जाए तो !मैने तुमको उस दिन बहुत इशारे किए कि तुम शायद मेरी बात सुनने बाहर आओ लेकिन तुम नही आई !
उस एमएलए के बेटे ने मेरी बेटी के साथ भी यही किया था लेकिन मैं अपनी बेटी को बचा नही पाई : मेरे एक और बेटी है उसकी सलामती की वजह से मै चुप रही ! क्योंकि अगर मैंने कभी अपना मुंह खोला तो वो लोग मेरी छोटी बेटी के साथ भी गलत कर सकते है !
राज बिगडा हुआ रईस है वो लड़कियों की इज्जत के साथ ऐसे ही खेलता है !

अनु सब सुन रही थी उसे राज के नाम से ही नफरत हो गई थी !

अनु उस औरत की तरफ गौर से देखते हुए बोली : लेकिन मैं यहा कैसे आई ?

वो औरत : बेटी मै राज के फार्म हाउस पर अठारह सालों से काम करती हू उनकी एक एक हरकत सुनती और देखती हू !

राज कई बार फार्म हाउस आकर बात करता था और वो हर नई लडकी को वही लाता है और अपने दोस्तो के साथ भी आता जाता रहता है तुम्हारे साथ जो भी हो रहा था मुझे एक एक बात की खबर थी !
बस किस्मत समझ लो कि तुम्हें उस रात नदी में कूदते हुए मैने देख लिया था क्योंकि उधर से मेरा आना जाना कभी कभी हो जाता है !
बस कुछ लडके बुलवा कर तुमको बचा लिया ! तब से तुम यही हो !

अनु रोते हुए : लेकिन मैं जीना नही चाहती ! मेरा सब कुछ खत्म हो चुका है !

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