अनु को याद आया कि कल रात जो उसने अपनी गैलरी से किसी आदमी का साया देखा था वो भी कुछ ऐसा ही था !
अब अनु उसके पास से निकलती हुई आफिस के अन्दर घुस गई ! अनु ने उस आदमी का चेहरा अच्छी तरह देखा ! वो काला सा आदमी उसके गाल पर कटे का बडा सा निशान था ! डरावना सा था वो आदमी !
अनु सोच में पड गई कि कौन हो सकता है !
सारा दिन आफिस में काम में बिजी रही अनु ! बीच बीच में अनीता से हसी मजाक ,कब दिन बीत गया पता ही नही चला !अनु घर के लिए निकल गई आफिस से बाहर आ कर उसको फिर उसी आदमी का याद आया ! अनु ने आसपास देखा ,वो आदमी कही नज़र नही आया !
अनु ने घर पहुंच कर दरवाजा खोला और हाथ मुंह धोकर चेंज करके अपने लिए कुछ बनाने लग गई !
अनु फ्री होकर लिविंग रूम में ही टीवी देखने लगी !
तभी दरवाज़े की बैल बजी !अनु सोचने लगी इस वक्त रात के आठ बजे कौन आ गया !
उसने दरवाजा खोला तो सामने एक सफ़ेद कुर्ता पैजामा मे एक उम्र दराज आदमी लम्बी चौड़ी कद काठी वाला , आंखों पर काला चश्मा, खडा था !
अनु के कुछ बोलने से पहले वो आदमी बोला : बेटी पैर छुओ और अन्दर आने को बोलो ! हम तुम्हारे ससुर जी है !
अनु को कुछ समझ नही आया कि क्या बोले ! उसे याद था कि विक्रम ने तो कहा था कि मेरे मां बाप को मैने देखा ही नही !
अनु कुछ कह पाती इससे पहले वो आदमी अन्दर आ गया और लिविंग रूम में सोफे पर बैठ गया और उसके साथ दो हट्टे कट्टै आदमी भी अन्दर आ गये और उस आदमी के एक साइड खडे हो गए !
वो आदमी सोफे पर बैठ कर अनु के घर को देखते हुए बोला : अच्छा घर है ! बहुत शांती है घर में ! अकेली रहती हो बिटिया ?
अनु ने हां में सर हिलाया !
आदमी : हम विक्रम के बाबू जी है ! पाला पोसा हमने उसे ! लायक बनाया ! अब देखो लायक बन गया तो तुम्हारे बारे में हमें ही नही बताया ! हम मना थोडे ही कर देते !
अनु : जी ! शायद वो आपको बताने के लिए सही वक्त देख रहे हो !
आदमी : ठीक है बिटिया अगर ऐसा है तो समझाओ उसको कि बाबूजी को छोड़कर काम नहीं कर पायेगा वो !
यह बात कहते ही उस आदमी ने अपने कुर्ते की जेब से गन निकाल कर टेबल पर रख दी !
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नई सड़क पार्ट-1
Mystery / Thrillerकहते है कि जीवन में सुख किस्मत से मिलता है ! लेकिन किसी के हाथ की लकीरों में जीवन ही ना लिखा हो तो...? एक ऐसी कहानी जिसमें जीने के लिए,खुशी पाने के लिए जद्दोजहद है ! रोमांस, थ्रिलर, एक्शन ,अंडरवर्ल्ड और मर्डर के बीच एक साधारण सी कहानी...