पाठ-19

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अनीता की बाते सुन कर अनु मुस्कुराते हुए बोली : बैठ तुझे कुछ बताना है !

अनीता अनु के साथ ही बैठ गई !

लेकिन अनु अनीता को कुछ बताती इससे पहले अनीता बोल उठी : मै बहुत खुश हूं अनु तेरी जिंदगी में विक्रम को देख कर !

अनु ने अनीता की तरफ गौर से देखा !

अनीता : मैने तुम दोनों को साथ कार में उतरते देखा ! मै उस रात घर पर ही समझ गई थी कि विक्रम तुझे चाहता है ! मै बहुत खुश हूं अनु कि तेरी बुझी जिन्दगी फिर से रोशन हो ! और विक्रम सच में अलग है ! आज से वो मेरा जीजा !

यह कह कर अनीता ज़ोर से हंस पडी !

अनु ने उसके मुंह पर हाथ रखते हुए बोला : चुप कर ! ऐसा अभी कुछ नही है ! मेरी तरफ से सिर्फ दोस्ती की हां है !

अनीता : अरे दोस्ती हुई है कब प्यार में बदल जाये किसको पता ! दोनों धीरे से मुस्कुरा दी !

अनु : आज रात का डिनर विक्रम के कहने पर बाहर करेगे !

अनीता : ओह हो ! अच्छा है आराम से करना और इन्जोए करना !

आफिस में दोनों अपने अपने काम मे बिजी हो गई !
आफिस खत्म होते ही दोनों बाहर आ गई ! विक्रम कार लेकर कुछ दूरी पर खडा था !

अनु और अनीता चलते हुए कार के पास आ गई !

विक्रम अनीता की तरफ देख कर नमस्ते बोलता हुआ बोला : आओ डिनर साथ करेगे ! अभी थोडा आसपास घूमेंगे !

अनीता हंस कर : वाह जी वाह मेरे पीछे से एक ही रात में रिश्ता बना लिया ! सोच लो बहुत से काम साली के बिना नही होते !

अनु शरमा कर : क्या बकवास कर रही है !
अनीता : क्या बकवास ? सच ही तो कहा !
विक्रम : कोई बात नही साली साहिबा ! आपसे जब काम पडा तो आपके पैर भी दबा देंगे !
विक्रम और अनीता को ऐसे मज़ाक करते देख कर अनु झेंपते हुए बोली : चलो अब कि यही लगे रहोगे तुम दोनों !

अनीता : नही मैडम मै तो नही जा सकती तुम लोगों के साथ मुझे तो आज भी पीजी ही जाना है छोड़ने से पहले कुछ
पेपर वर्क पूरा करना है ! शायद अगले सोमवार तक मै तेरे साथ शिफ्ट हो जाऊ !

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