नीले आसमान की गेहराइयो में छिपा हैं कुछ,
जिसका न कोई छोर है न कोई आगाज़।
ख़ुद को तलाशता कह रहा है कुछ,
खुद मे ढेरों राज़ छिपाय ढूंढ रहा है कुछ,
मानो रेगिस्तान मे सराब दिखाए बहला रहा है दिल को।
अनेको कहानिया दिखाए , छुपा रहा है सच को।
ये राज़ है एक अंकहा ,
ख्वाब है कोई सच सा,
कोई पहेली है अंसुलझि सी,
जैसे सुलझाना चाहता कोई नही
पर अंजाम देखना चाहत है सबकी
अजीब है ये दास्तां इस मुक्तालिफ् दुनिया की
छुपाकर राज़ अनेको चाहत है सबको समझने की।।🌼_____________________________________🌼
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लफ़्ज़ों की साजिश
Poetryकुछ अंकही दस्तानो का खूबसूरत सफर।। ये दिलों की बातें है, दिल से पढ़ोगे तोह ही समझ आयगी! तो झांकिये पन्हो मे और बन जाइये हिस्सा इस खूबसूरत सफर का।