7. विक्की का पीहा को टैटू बनाने की कहना

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"ये रातें, नई पुरानी, आते, आते जाते, कहती हैं कोई कहानी " पीहा को अपने उन खास पलों में पुराने फिल्मी सांग सुनने का शौक था ! रात का ही वक्त था ! पीहा ने एक सेमिनार का बहाना बना कर विक्की के साथ मनाली का टूर प्लान किया था ! दोनों एक बहुत ही आलीशान कॉटेज में बैठे थे, उस हालत में जिस हालत में वो धरती पर आये थे !

उस गाने की मदहोशी में पीहा ने विक्की के होंठों से होंठ जोड़ रखे थे और विक्की का हाथ पीहा के एक खास जगह पर था, वो जगह जहां हर मर्द पहुंचना चाहता है ! दोनों का आलम ये था कि वो एक दुसरे में सामना चाह रहे थे और उसकी पूरी तैयारी कर रहे थे !

इस तैयारी के दौरान विक्की पीहा से बोला "उस दिन जो आपने अपने होंठों का कमाल दिखाया डॉक्टर, आज मुझे भी दिखने दो ना !" भला एक औरत को और क्या चाहिए होता है, हर तरह से हर स्टाइल से सुख ! और वो उसे बिन कहे मिल जाये तो बात ही क्या है !

पीहा बिना देरी किये उस एंगल में लेट गयी जिससे विक्की उसकी चाहत पूरी कर सके या फिर अपना क़र्ज़ उतार सके! विक्की को हालाँकि पीहा से पहले कोई तजुर्बा नहीं था पर वो किसी मंजे हुए खिलाडी की तरह ऊपर से शुरू हुआ, माथे होंठों से गर्दन पर पहुंचा और उन ऊंचाइयों पर उसने कुछ वक्त बिताया जहाँ पर हर कोई रुकना चाहिए ! उन पहाड़ियों पर वो कुछ मिल जता है जो बर्फीली पहाड़ियों पर नहीं मिल पाता !

नाभि पर प्यार करते वक्त पीहा का उत्तेजना में उठना विक्की को अपने आप उत्तेजित कर रहा था ! अब विक्की अपेक्षित जगह पर पहुँच गया था ! जब पीहा को इसका एहसास हुआ तो उसने अपनी ऑंखें बंद कर ली ! विक्की ने बड़े ही अंदाज़ से पीहा को बोला "शुरू करूँ डॉक?" पीहा ने आह भरते हुए कहा "इंतज़ार किस बात का है ज़ालिम !"

बस विक्की हो गया शुरू और पीहा को ले चला उस रस्ते पर जिसकी मंज़िल जन्नत थी केवल जन्नत ! उसकी जीभ की चुभन पीहा को मचला रही थी तड़पा रही थी और पीहा तरह तरह से कभी इधर कभी उधर बल खा रही थी ! वो हर तरह से अपने मुँह का इस्तेमाल करके पीहा को स्वर्ग के झूले दिला रहा था ! पीहा आनंद में सराबोर थी !

डॉ पीहा के बोल्ड और सेक्सी कारनामेजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें