33. जय वीरू और बसंती
डॉ पीहा की कहानी तो. हमने बहुत पढ़ ली! पर उसके पति डॉ विवेक बिचारे नाराज़ हुए पड़े हैँ कि मुझे ना पाठकों ने पूछा और ना हीं लेखक ने! उसने ये बात मुझे सपने में आकर बोली! तो अब कुछ एपिसोड डॉ विवेक के नाम!
विवेक का एक दोस्त था जिसका नाम वीरेंद्र सिंह था! वो एक सरदार जी थे! इनका ट्रांसपोर्ट का बिज़नेस था! उनकी माता जी का नाम बचन कौर था! बचन कौर वीरेंद्र को वीरू और विवेक को मज़ाक़ में जय बोलती थी! इसकी एक बहन भी थी जिसका नाम बसंत कौर था तो बचनी उसे बसंती कहकर बुलाती थी! उसकी अभी शादी नहीं हुई थी!यानि ये तीनों करैक्टर शोले फ़िल्म वाले जय वीरू और बसंती बन चुके थे!
ये लोग basically पंजाब से थे और काम के सिलसिले में इस शहर में थे! वैसे इस शहर में इनकी ये तीसरी पीढ़ी थी! वीरेंद्र के दादा जी ने यहां आकर ट्रकों का कारोबार शुरू किया जो आज एक बड़ी कार्गो सर्विस में तब्दील हो चूका था!
वीरेंद्र की पत्नी प्रेग्नेंसी के चलते अपने मायके पंजाब गई हुई थी! वो तीसरे महीने हीं आ गई थी और डिलीवरी के दो महीने बाद उसे वापिस आना था! उसके जाने की वजह बचनी थी जो हमेशा अपने फ्रेंड सर्किल की वजह से घर से बाहर हीं रहती थी! कई कई बार तो ऐसा हुआ है कि वो पूरी रात हीं वापिस नहीं आती थी! ऐसा क्या जोश था उसके अंदर कि 52 साल की उम्र में भी उसका ये हाल था!
यानि कि वो एक लम्बे अरसे के लिए वीरू की पत्नी घर से बाहर थी! तो हर तीसरे दिन डॉ विवेक यानि जय उनके घर पहुंच जाता! ये एक साथ खाते पीते और कई बार विवेक यानि जय इधर हीं सो जाता!
वीरू अड़ियल स्वाभाव का था! उसकी वजह से उसकी बहन बसंती की शादी उसकी पसंद के लडके से नहीं हो पा रही थी! लड़की ने भी ठान लिया था कि शादी करेगी तो पसंद के लडके से वरना नहीं! बसंती वीरू की तरह जय को भी भाई हीं बोलती थी!
बसंती एक बेहद खूबसूरत आकर्षक अच्छी हाईट वाली लड़की थी! उसे देखकर किसी का भी ईमान डोल जाए! जय तो उसे बचपन से देख रहा था और उसे हमेशा बहन हीं माना था तो उसके मन में कभी बसंती के लिए कोई गलत ख्याल नहीं आया!
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डॉ पीहा के बोल्ड और सेक्सी कारनामे
Romanceदोस्तों! wattpad पर ये मेरी पहली कहानी है! ये एक ऐसी डॉक्टर की कहानी है जिसने शादी के कुछ समय तक बहुत ही शालीन और सादा जीवन जिया ! पर फिर जब उसके पति ने उसे संतुष्ट करना बंद कर दिया तो वो किस हद तक पहुँच गयी ये इस कहानी में बताया गया है ! मुझे आशा ह...
