डॉक्टर पीहा देर रात घर पहुंची ! उसका पति तो घर पर नहीं था ! वो किसी सेमिनार में बाहर गया हुआ था ! पीहा को अकेले बहुत अजीब सा लग रहा था ! वो जैसे ही लेते अपने आप में मंद मंद मुस्कुरा रही थी ! आज उसका मन किया कि एकदम नंगा होकर सोया जाए !
उसने कोई खास कपडे तो पहने नहीं हुए थे ! बस जो थे उतारे और बिस्तर पर पहुंच गयी ! आँखों को चुंधियाती हुई लाइटें जल रही थी ! उन लाइटों में वो जलपरी मानो स्वर्ग से उतरी हुई परी मालूम हो रही थी ! पीहा का हाथ अनायास ही उस टैटू पर चला गया और वो उसे सहलाने लगी !
उसे अच्छा लग रहा था उसे सहलाना ! कितनी ही देर वो उसे सहलाती रही ! फिर उसे ऐसा आनंद आने लगा कि उसका हाथ अपने आप अपने वीमेन पार्ट पर पहुँच गया ! उसने हलके हाथ से उसकी मसाज करनी शुरू की ! उसे ऐसा आनंद मिल रहा था कि कभी नहीं मिला था !
उसकी मिडिल फिंगर अपने आप उसके उस अंग के मुख्य द्वार पर पहुँच गयी और उसने हलके से उसे अंदर कर दिया ! उसे काफी अच्छा लगा ! इर्द गिर्द वाली उंगलिया साइड वाले उभर की मसाज कर रही थी और मिडिल फिंगर अंदर चल रही थी !
पीहा की ऑंखें बंद हो चुकी थी और अब वो एक अलौकिक दुनिया में पहुँच चुकी थी! जब इंसान आनंद की इस यात्रा पर होता है तो उसके मुँह से अपने आप ही सिसकारियां निकलने लगती हैं ! खासकर लड़कियों के मुँह से ! यही पीहा के साथ भी होने लगा ! पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से भर गया !
अब बीच वाली ऊँगली और गहराई तक पहुँच गयी थी और उसने अब दूसरा हाथ अपनी एक घाटी पर रख दिया था जिससे वो उसे मसल रही थी थी ! दो तरफ़ा खुद का आक्रमण उसे वो सुख दे रहा था जो कि एक पुरुष से ही मिल सकता है !
पीहा की ऊँगली तेज हो रही थी ! जैसे जैसे उसकी उत्तेजना बढ़ रही थी ऊँगली की गति भी बढ़ रही थी ! ये उसे उस लोक में ले गयी थी जिसे लोग आनंद लोक कहते हैं ! और जितना आनंद उसे आज मिला था वो अपने आप को बहुत ज्यादा खुशकिस्मत मान रही होगी !
लोग हस्त मैथुन करते समय किसी ना किसी इंसान को इमेजिन करते हैं ! ज्यादातर लोग अपने प्रेमी या प्रेमिका को ! पर ये क्या पीहा किसी अनजान युवा युवक के बारे में सोच रही थी जो अपने भरपूर शरीर से अपने तगड़े अंगों से उसके उस भाग की तगड़ी रिपेयर कर रहा था !
उसको सोचते सोचते उसे हैरानी इस बात की हो रही थी जैसे उसने इतने दर्दनाक तरीके से किया कि उसके नीचे वाले भाग से खून बहने लगा ! उसकी इस सोच ने उसके आनंद को चरम सीमा तक पहुंचा दिया और उसने तुरंत कामरस छोड़ दिया ! वो तब तक ऊँगली चलती रही जब तक कि कामरस बहता रहा !
जब रस पूरा निचुड़ गया तो बेचारी पीहा एकदम से ढीली होकर पड़ गयी ! थोड़ी देर ऐसे ही लेटी रही पर फिर उसने सोचना शुरू किया ! मैं ये किस चक्कर में फंसती जा रही हूँ ! क्या क्या कारनामे कर रही हूँ ! मैंने कभी अपने इस पार्ट को देखा तक नहीं था आज खुद अपने हाथ से मैथुन किया मैंने !
आज मेरे साथ एक गैर पुरुष एक बार करता है तो उसे दूसरी बार के लिए मनाती हूँ ! क्या हो गया है मुझे मैं तो कभी दुसरे पुरुष की ओर देखती भी नहीं थी ! उसने कभी विवेक के इलावा किसी की ओर देखा भी नहीं था, सोचना तो बड़ी दूर की बात है !
पर विवेक ने ही उसे इस रास्ते पर जाने को मजबूर किया ! वो मुझे समय देता तो मैं ऐसी नहीं बनती ! पहले मैं विक्की से मिली, उसे साथ सेक्स किया, फिर उसी के कहने पर मुझे रॉकी के पास टैटू बनवाने जाना पड़ा ! उसके साथ भी सेक्स किया और तब भी मन नहीं भरा तो मैं घर आकर खुद से ये सब करने लगी ! और खुद के साथ करते वक्त मैं एक जवान लड़के के बारे में सोच रही थी ! क्या ये मुझे शोभा देता है ! इसका मतलब मैं किसी जवान लड़के से सेक्स करना चाहती हूँ ?? ये क्या हो गया है मुझे !
पीहा को एक बार तो खुद से ग्लानि सी होने लगी ! वो उठी और उसने शावर लिया ! शावर लेने के बाद उसने nighty पहनी, और लेट गयी ! कितनी ही देर वो इसके बारे में सोचती रही और ना जाने कब सोचते सोचते उसकी आँख लग गयी !
दोस्तों हर इंसान के साथ ऐसा होता है ! जब वो किसी बुराई में गहराई से धंस जाता है तो एक बार तो उसकी अंतरात्मा उसे धिक्कारती है! एक बार क्या कई बार तो बहुत बार इंसान का जमीर उसे दिक्कारता है ! पर फिर भी इंसान तो आखिर इंसान है ना ! वो फंसा रहता है मोह माया के जाल में ! एक इंसान जो बहुत ज्यादा शराब पीता है दिन में पत्नी से वादा करता है आज से दारू नहीं पियूँगा पर फिर उसी रात को दारू में टुन्न होकर आता है !
बहुत बहुत आभार अब आपके कमैंट्स भी आ रहे हैं और रेटिंग भी ! प्लीज और बढ़ा देंगे तो मुझे और भी ज्यादा आनंद आएगा ! प्लीज और ज्यादा कमैंट्स दीजिये ! तभी मेरा हौसला खुलेगा लिखने में !

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डॉ पीहा के बोल्ड और सेक्सी कारनामे
Romanceदोस्तों! wattpad पर ये मेरी पहली कहानी है! ये एक ऐसी डॉक्टर की कहानी है जिसने शादी के कुछ समय तक बहुत ही शालीन और सादा जीवन जिया ! पर फिर जब उसके पति ने उसे संतुष्ट करना बंद कर दिया तो वो किस हद तक पहुँच गयी ये इस कहानी में बताया गया है ! मुझे आशा ह...