34. जय और बसंती

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34. जय और बसंती
पीहा ने अजय को आर्डर दिया तो अजय तुरंत कपड़ो से बाहर हो गया। हाँ उसने अभी अपना अंडरवियर जरूर पहना हुआ था। पीहा देख रही थी कि अजय का लिंग उसका कच्छा फाड़कर बाहर आने को तैयार है। इधर अजय भी काफी घबराया हुआ था।

पीहा उसे घूरती हुई बोली "शर्म तो नहीं आती तुम्हे अपनी मैडम को देखकर ही इसे खड़ा कर लिया। बिठाओ इसे।"

अजय टॉवल उठाने लगता है और बोलता है"ये ऐसे नहीं बैठेगा मैडम।" पीहा के मुँह में पानी आ जाता है उसका लोहे के रोड जैसा खड़ा लिंग देखकर। और वो अपना थोंग (पैंटी) भी उतार देती है और बोलती है"इधर लाओ मुझे दिखाओ क्या प्रॉब्लम है इसे।"

अजय डरता हुआ सा आगे बढ़ता है। उसे अपनी जॉब की भी फ़िक्र थी। वो जैसे ही पीहा के पास आया तो पीहा ने उसका अंडरवियर नीचे कर दिया और उसके सामने था एवरेज से थोड़ा बड़ा लिंग।

पीहा उसे हाथ में पकड़कर बोली "देखो तुमने इसे कैसे खड़ा कर लिया, इसका मतलब तू मेरी चुत मरना चाहता है।" पीहा ने अपनी चुत को अपने दूसरे हाथ से सहलाते हुए पूछा।

अजय की निगाह वहीँ थी और जैसे ही पीहा ने अपनी चुत को सहलाया तो अजय के लिंग ने दो तीन लगातार झटके मारे।

पीहा उसे जोर से पकड़ते हुए दांत पीसती हुई बोली "देखा मुझे पहले ही पता था कि ये हरामी मेरी चुत चाहता है।" इसे अंडरवियर से बाहर निकालो मैं इसे आज सबक सीखा कर ही रहूंगी।"

अजय को तो समझ ही नहीं आ रहा था कि मैडम आखिर चाहती क्या है। पर उसे उसकी बात तो माननी ही थी आखिर। ठीक इसी वक्त डॉ विवेक यानि अपना जय अपनी बीवी को कॉल लगता है पर वो देख कर भी उसकी कॉल नहीं उठाती आखिर वो इस वक्त बिजी जो थी अपने साथी अजय के साथ।

इधर जय ने पीहा को फ़ोन तब मिलाया था जब वो अपने लिंग खड़े होने की वजह से परेशान हो गया था।पर पीहा ने फ़ोन उठाया ही नहीं तो वो परेशान होकर दो तीन पेग इकट्ठे लगा लेता है। दो पेग या ज्यादा से ज्यादा चार पेग लगाने वाले ने रूटीन से तीन पेग एक्स्ट्रा लगा लिए हों तो उसको सुरूर चढ़ना स्वाभाविक ही है।

डॉ पीहा के बोल्ड और सेक्सी कारनामेजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें