प्रेम की दुधिया चाँदनी में नहाकर,
निखर गई है देखो कायनात सारी।
भीनी-भीनी ख़ुशबू से महकी हैं फ़िज़ाएँ,
कितनी प्यारी है यह इश्क़ की ख़ुमारी ।
इश्क़
प्रेम की दुधिया चाँदनी में नहाकर,
निखर गई है देखो कायनात सारी।
भीनी-भीनी ख़ुशबू से महकी हैं फ़िज़ाएँ,
कितनी प्यारी है यह इश्क़ की ख़ुमारी ।