पापा की नन्ही परी,
प्यारी नाज़ुक सी कली।
हँसती-खिलखिलाती रहो,
ख़ुश रहो फूलो-फलो।
तेरे जीवन की बगिया,
ख़ुशबुओं से महकती रहे,
फूल बिछे हों तेरे पाँव तले,
कभी काँटा ना चुभे।
शहद-मीठा हो जीवन तेरा,
सुख भरा हो हर इक सवेरा।
दुखों की गर्म हवाएँ ,
कभी तुझे छू ना पाएँ।
सदा सच हो जाए वह,
जो भी तुम ख़्वाब बुनो।
आसमानों में उड़ो ,
चाँद-तारों को छुओ।
झूमती-नाचती यूँ ,
लगती हो कितनी भली।
मीठी मिश्री की डली,
प्यारी नाज़ुक सी कली
पापा की नन्ही परी।