कुछ लोग सालों साथ रह कर भी,
दिल में नहीं समाते, अपने नहीं बन पाते।
और कुछ मस्त हवा के झोंके की तरह आते हैं,
और सीधे रूह की गहराईओं में उतर जाते हैं।
अपने
कुछ लोग सालों साथ रह कर भी,
दिल में नहीं समाते, अपने नहीं बन पाते।
और कुछ मस्त हवा के झोंके की तरह आते हैं,
और सीधे रूह की गहराईओं में उतर जाते हैं।