Chup Reh Gaye

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जब कहना था चुप रह गए,

जब चुप रहना सब कह गए।

 अभी तक थाम कर रखा था जिनको हया के बांध ने,

वे अश्क़ सारे बह गए, 

 जब कहना था चुप रह गए...

  ख़्वाहिश की रेती से बने सपनों के रंगों से सजे,

वे आशियाने ढह गई,

  जब कहना था चुप रह गए...

  प्यासा दिल मेरा जिनके तले ढूंढता था बारिशें,

वे आसमाँ भी तह गए,

  जब कहना था चुप रह गए...

Alam-e-IshqWhere stories live. Discover now