हमारे लहू को आदत है
सूली से बहने की
हम सिर्फ सहना जानते हैं
दर्द कितना भी भयावह क्यों न हो
हमारी हड्डियों में गुम जाता है
लहू फिर लेता है साँस
और
प्रेमगीत बन जाता है ।★★★
आप पढ़ रहे हैं
धुंध(fiction) ©️
Poetry❣️ Love u...彡 anurag ❣️ "Winner of Reader's Choice Award" Ranked # 1 Classic☑️ # 1 Wattpad # 3 Urdu reviews: **** "The author received recognition by the 'Hon'ble President Of India'. His poems reach deep into the na...
26 ★ लहू
हमारे लहू को आदत है
सूली से बहने की
हम सिर्फ सहना जानते हैं
दर्द कितना भी भयावह क्यों न हो
हमारी हड्डियों में गुम जाता है
लहू फिर लेता है साँस
और
प्रेमगीत बन जाता है ।★★★