मैने,
स्वयं को
क्षमा कर दिया है।बन्धु,
तुम भी मुझे, क्षमा करो ।
मुमकिन है,
वह ताजगी हो
जिसे तुम थकान मानते हो ।
ईश्वर की इच्छा को
ना मैं जानता हूँ
ना तुम जानते हो ।***
(◍•ᴗ•◍)❤Do u like it ?
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धुंध(fiction) ©️
Poesia❣️ Love u...彡 anurag ❣️ "Winner of Reader's Choice Award" Ranked # 1 Classic☑️ # 1 Wattpad # 3 Urdu reviews: **** "The author received recognition by the 'Hon'ble President Of India'. His poems reach deep into the na...
4. क्षमा
मैने,
स्वयं को
क्षमा कर दिया है।बन्धु,
तुम भी मुझे, क्षमा करो ।
मुमकिन है,
वह ताजगी हो
जिसे तुम थकान मानते हो ।
ईश्वर की इच्छा को
ना मैं जानता हूँ
ना तुम जानते हो ।***
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