【जीवन की हर प्रथम बातें अनमोल होती हैं । जैसे पहला प्यार, पहली सेलरी । ये मेरे जीवन की सृजित पहली कविता है जिसे मैंने करीब 20 साल पहले लिखा था । ये कविता मेरे लिए बेहद ख़ास है ।】
शाम की ओझल, अस्मित किरण
सूरज की आतुर, निशा
मंद पवन के झोंकों ने
लहरों को दी नई दिशानया जगा दिन, उगी नई सुबह
आकाश रंगा नया, चहक उठे नीड़
मौसम की अंगड़ाई से, तितलियाँ मुसकाई
खुशबू की सौगात लिए, सुष्मित पवन बहीओस सनी धुँए संग , कोहरे रहे हरे-
लो, डूब चली सुबह , सालने लगी टीस....
सीप में कैद , अस्तित्व मेरा अतल में
मोती बन बिखरे , सम्पूर्ण धरा के पटल मेंनया आरम्भ दूँ खुदको
विराम से मैं टल जाऊँ
नई भोर की किरणों संग
क़दमताल मैं कर जाऊँ ।***
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धुंध(fiction) ©️
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