Shaayad main kho gayi hoon !

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शायद मैं खो गई हूँ,
किसी को याद रखने के लिए, किसी को भूल गई हूँ,
किसी को पाने के लिए किसी को पीछे छोड़ चुकी हूँ,
अपने कल के लिए शायद मैं अतीत अब भूल गई हूँ।
पर मैं बहुत खुश हूँ।
क्योंकि मैं अब जैसी चाहती थी, वैसी बन रही हूँ,
छोड़ चुकी हूँ मैं वो दुखी सा रहना,
आजकल मैं मुस्कुराने लगी हूँ,
छोड़ चुकी हूँ मैं वो औरों की सुनना,
आजकल मैं अपनी बातें अपने लिए खुद सुनने लगी हूँ,
मैं बहुत खुश हूँ,
कि मैं अब अपने आप पर अपने लिए विश्वास करने लगी हूँ,
और अब तो मैं अपने आप को भविष्य में एक सशक्त औरत के रूप में देखने लगी हूँ,
और अब तो मैं उस औरत के लिए ही जीने लगी हूँ।
शायद मैं खो गई हूँ,
ना चाहते हुए भी मैं बहुत कुछ भूल गई हूँ,
पर अब मैं जैसी चाहती थी, वैसी बन रही हूँ,
क्योंकि मैं बस अब उस औरत के लिए ही जीने लगी हूँ।

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