Uski chuppi main bhi hain saat sur !

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उसकी मुस्कान से बहार सजती है,
उसके प्यार से ही मेरी मेहंदी रचती है।

उसके कदमों की आवाज़ भी इतनी मधुर,
और उसकी चुप्पी में भी हैं सात सुर।

उसने दिए तोहफे में खनकती हुई पायल,
तब से उसके इश्क के तीर से मन घायल।

उसने मेरे बालों में गजरा लगाया,
गजरे से पूरी ऋतु मेरे बालों में सजाया।

उसके बदन की ऐसी खुशबू,
उस खुशबू से अब मैं भी महकूँ।

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