भविष्यवाणी

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हिमा तीनों रानियां को फिर से अपने कक्ष में साथ खड़ा देख हड़बड़ा गई और उठ खड़ी हुई। सेविका शीतल ने भी तीनों को प्रणाम किया और उस कक्ष से बाहर चली गई।

पहली रानी ने हिमा से चिंतित होते हुए कहा,"आप चली कहा गई थी छोटी रानी, हम सभी आप के लिए चिंतित थे, हमें जैसे ही पता चला कि आप वापस लौट आई हैं, हम बिना देरी किए यहां आ गए।!!!!"

तब हिमा ने कहा, "परंतु हमें आए हुए तो 3 घंटे हो गए हैं।"

पूरे कक्ष में सन्नाटा छा गया। शीतल द्वार के बाहर खड़ी अपना मुंह दबा कर अपनी हसी रोकने लगी। चारों रानियां एक दूसरे के मुंह ताक रहे थे।

फिर इस विराम को खंडित करते हुए दूसरी रानी नियति मुस्कुराते हुए बोली," क्षमा करना, ये दोनों तो पहले ही आना चाह रहे थे , परंतु हम नहीं आना चाहते थे क्योंकि हमें आपका मुख देखने में कोई रुचि नहीं है, इन्हें हमें मनाते मनाते 3 घंटे लग गए।"

तीसरी रानी निशा ने रानी नियति को खंडित करते हुए कहा,"बस करिए रानी नियति, हिमा भी रानी है आप उससे इस प्रकार बात नहीं कर सकती, और छोटी रानी, आप कहां गायब हो गई थी?? हम तीनों आपसे सवेरे मिलने आए उसके कुछ ही क्षण बाद आप महल से गायब हो गई, और पूरे 2 घंटे बाद महल के बाहर पाई गई। आप थी कहां??

हिमा के नेत्रों में चमक उठी। वह इसी पल की प्रतीक्षा की रही थी। उसने सोच रखा था कि क्या कहना है। हिमा ने अपनी नौटंकी शुरू की और थोड़ा चिंतित होकर कहने लगी," रानी निशा, हमारे साथ क्या हुआ था, इस बात से हम स्वयं अवगत नहीं हैं। आप तीनों हमसे मिल कर गई, उसके बाद सेविका शीतल भी बाहर गई, हम श्रृंगार कुर्सी पर बैठे हुए थे, की हमें चक्कर आने लगे और हमारे नेत्रों के समक्ष अंधेरा छा गया।

होश में आए तो अपने आपको महल से दूर, जंगल के अंदर एक गुफा में पाया, जहां से एक भला व्यक्ति हमें महल तक सुरक्षित ले कर आ गया। सच में , हमें नहीं ज्ञात कि जिस जंगल में पहुंचने के लिए 2 घंटे लगते हैं, हम 3 घंटे के अंदर ही वहां जा कर वापस कैसे आ गए। क्योंकि पैदल जाने और आने के लिए तो हमें 4 घंटे लगने चाहिए थे।" हिमा भोली भाली सी सूरत बना कर तीनों रानियों की ओर देखने लगी, और सोचने लगी कि काश ये तीनों हिमा की इन बातों पर विश्वास कर ले, क्योंकि इससे बेहतर और कोई बहाना नहीं बन सकता है।

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