हिमा बिस्तर पर बैठी अपने विचारों में खोई हुई थी। सोच रही थी...."हमारे समक्ष एक खिड़की है, वहा से बाहर, नीचे जंगल दिख रहा है। हमारे दाई ओर जो खिड़की है, उससे बाहर, बाई ओर एक बड़ी सी दीवार , और उस दीवार की दाई ओर नीचे , एक प्रशिक्षण केंद्र दिख रहा है।
हम जिस कक्ष में बैठे हैं, कितना विशाल है!! स्वर्ण की वस्तुएं हैं यहां!! हमारे वस्त्र , कितने राजकीय लग रहे हैं। लाल और हरे रंग का संयोजन।" वह अपने आप में ही बड़बड़ा रही थी।
कुछ ही क्षण में उसकी प्रमुख दासी, शीतल, उसे दवा देने आई और पूरे दो दिनों के पश्चात अपनी छोटी रानी हिमा को जगा हुआ देखकर प्रसन्न हो गई।
उत्साह में, दासी चिल्ला पड़ी, "छोटी रानी जाग गई! छोटी रानी जाग गई!"
दासी के चिल्लाने से हिमा ने अपने दाहिने कान पर हाथ रखा, और चिढ़े हुए स्वर में बोलने लगी,"चिल्ला क्यों रही हो? तुम कौन हो? हम कहां हैं? और सबसे महत्वपूर्ण..."
कांपते हुए स्वर में हिमा ने पूछा,
"हमें कुछ भी स्मरण क्यों नहीं है??
हम कौन हैं??"
शीतल अचंभित हो गई!! बोली, "आप क्या कह रही हैं, छोटी रानी जी? आपको कुछ भी स्मरण नहीं है?"
हिमा ने समझाया कि उसे वास्तव में कुछ भी स्मरण नहीं आ रहा है, और फिर शीतल ने निम्नलिखित विवरण दिए:
"आपका नाम हिमा है। आप इंदुगढ़ राज्य की राजकुमारी थीं।परंतु ऐसा हुआ कि , हमारे राजा ने आपके राज्य को जीत लिया था। तो आपके पिता ने अपने राज्य के बदले , अपनी चार बेटियों में से सबसे छोटी बेटी, राजकुमारी हिमा-यानी आप का विवाह हमारे राजा सोम के साथ करवा दिया, एक पारिवारिक संबंध स्थापित कर दिया। इस प्रकार, जबकि इंदुगढ़ अब भी आपके पिता के नियंत्रण में है, यह अब हमारे राजा महाराज सोम के राज्य स्वर्गायु का हिस्सा बन गया है। अभी दो दिवस पूर्व ही आपका और महाराज सोम का विवाह हुआ ,और आप हमारे राज्य की सबसे चोटी, यानी चौथी रानी बन गईं। परंतु वापस लौटते समय एक दुर्घटना घट गई जिसमे आपको सिर पर गहरी चोट लगी थी, देखिए आपके सिर पर अभी भी पट्टी बंधी हुई है।
अब तो प्रतीत होता है की आपकी स्मृति चली गई है छोटी रानी जी, हम अभी राज वैद्या को लेकर आते हैं!!!!" यह कह कर सेविका शीतल, हिमा के कक्ष से बाहर जाने लगी।
हिमा यह सब कुछ अपने बिस्तर पर बैठे बैठे, अपने दोनो हाथों को बांधे हुए, सिर नीचे किए गंभीरता भरे विस्तार के साथ सुन रही थी।
सब कुछ सुनने के बाद वह कुछ क्षण रुकी फिर गंभीरता में बोली,"अर्थात..... हमारा कोई मूल्य नहीं है।"
सेविका मुग्ध (confused) हो गई। प्रश्नवाचक दृष्टि से, परंतु मुस्कुराते हुए हिमा की ओर पलट कर देखने लगी।
हिमा बोलती गई," हमारी स्मृति जा चुकी है। हमारे पिता इतने स्वार्थी हैं की अपने राज्य के बदले हमे किसी को सौंप दिया। हम अपनी बहनों में सबसे छोटी थी तो विवाह भी सबके पश्चात होना चाहिए था परंतु हमारा ही विवाह सबसे पहले हो गया। और तो और, माना की राजा से हमारा विवाह हुआ भी , तो भी हम उनकी चौथी पत्नी हैं, राजा को कोई रुचि होगी भी नहीं हममें। छोड़ो! राजा को हममें रुचि है या नहीं, इसकी चिंता तो है ही नहीं हमें, परंतु...।
यह हमारा भाग्य इतना कठोर सा क्यों प्रतीत हो रहा है। इतना बुरा किसके साथ होता है।??" हिमा मुस्कुराते हुए बोल रही थी। पर उसके नेत्रों से अश्रु निकल रहे थे। बड़ी विचित्र लग रही थी हिमा।
शीतल कक्ष से बाहर चली गई और राज वैद्या को लेकर आई।राज वैद्य अधीर आयु की नहीं थी। वह हिमा से कुछ वर्ष ही बड़ी लग रही थी। उसमे परीक्षण करके बताया कि चोटी रानी हिमा की स्मृति चली गई है, और कब वापस आएगी वह हिमा की स्मृति पर निर्भर करता है।
राज वैद्या ने हिमा की स्मृति जाने की सूचना महल में सभी राजपरिवार वालो को पहुंचा दिया। परंतु महाराज सोम इस समय महल से बाहर किसी कार्य से गए हुए थे , इस कारणवश उन्हें इस एसबी की सूचना नहीं थी।
हिमा परीक्षण के दौरान और उसके पश्चात भी उलझन में थी, की अब उसका जीवन कैसा व्यतीत होगा।
परंतु जब भी हिमा उलझन में होती थी, उसका मुख प्यारी बिल्ली जैसा दिखता था, और उसके नेत्रों में एक आकर्षक चमक आ जाती थी। वह इतनी उलझन में थी कि उसे और कुछ जानने की रुचि नहीं बची थी, इसलिए वह खाना खाकर सो गई।
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छायांतर
Ficção Históricaहिमा, एक २० वर्ष की युवती, शक्तिशाली राजा सोम से विवाह करती है, जो संपूर्ण महाद्वीप को जीतने के कगार पर है। परंतु विवाह के तुरंत पश्चात एक दुर्घटना में हिमा अपने जीवन की सभी स्मृतियों को खो देती है। यह नवविवाहित जोड़ा अब एक-दूसरे से शत्रुओं जैसा व्य...