दीपावली

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सजी दीप से प्रज्वलित प्रकाश पर्व की थाली
घर-घर प्रकाश बिखेरती वृहद पर्व की दीवाली
शुभ-लाभ से सुसज्जित भवन मन्दिर गुरुद्वारे
जग सुंदर सा लागे है अंधकार से परे गलियारे

14 वर्ष वनवास पश्चात अयोध्या लौटे जब राम
दीप ज्योति से सराभोर ये पवित्र अयोध्या धाम
आयी है दीपो की ज्वाला लक्ष्मी कुबेर का पूजन
धन-धान्य , सुख-संपदा के शुभ संकेत हेतु नमन

आराधना माँ लक्ष्मी की गणपति को शीश झुकाऊँ
अंधकार विलुप्त हो धरा से प्रेम रूपी दीप जलाऊँ
भर दे भंडार सदा सबका कोई व्यर्थ हाँथ न जाये
समृद्धि भरा पर्व दीप का आभा-किरणों को फैलाएँ।।

प्रियंक खरे "सोज"

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