भाग ६६

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फ्लैश बैक : बदलाव के पहले

( प्री -जे के जी डेज़ )

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लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरी शादी पहले हो गयी। मेरे दोनों जीजू बाद में आये।

हाँ लेकिन कमल -चीनू दी की शादी में , खूब मस्ती हुयी और कोहबर में शर्त धरा ली थी उन्होंने।

पर उसके बाद सिर्फ फोन पर ही छेड़छाड़ , असल में तो मुलाकात भी ,

हाँ पांच छह महीने पहिले ,

तब मैं ससुराल में ही रहती थी ,एकदम घुटन वाले माहौल में

इनकी जॉब चेंज हो के जहाँ अभी है वहां लग गयी थी , पर मैं इनके साथ गयी नहीं थी।

इनके ' बदलाव ' के पहले

जी , उस ज़माने में जब सिर्फ मेरी जेठानी और उस छिपकली मार्का मेरी ननद की चलती थी ,

भाभी ये गलत है , वो गलत है , ...आपके मायके में होता होगा , हमारे यहाँ ये सब नहीं होता ,

कार्ड्स मवाली खेलते हैं , ... नो नान वेज , और सबसे बढ़कर नो मस्ती , ...जोर से हंसना नयी बहू ,... लोग क्या कहेंगे , और ये भी कमरे में तो खूब , लेकिन बाहर आने पर जेठानी , ननद के सामने ,... न तुम हमें जानो , न हम तुम्हे जाने ,

और फिर जब से ये जॉब पर चले गए थे , बोरियत और पाबन्दी दोनों बढ़ गए थे ,

मैं इनके साथ जाना चाहती थी , पर जेठानी मेरी ,..क्या करोगी जॉब पर जाकर , ... हम सब के साथ रह के घर के गुन संस्कार सीखो ,... वरना मायके में तो ,... आउट ऊपर से सास को सुना सुना के कहती रहतीं थी , इत्ते दिन मेरी यहाँ सुबह से रात तक काम कर के , कर के , कमर टूट गयी। सोची थी देवरानी आएगी कुछ हाथ बटायेगी पर ये तो मर्द गया नहीं पीछे सामान बाँध के बैठी हैं , ...

और ये भी मन तो इनका करता था मुझे ले जाने का साथ , पर इनकी हिम्मत नहीं पड़ती थी , ... अपनी भाभी के आगे मुंह खोलने की ,...

तो ये उस जमाने की बात है ,... साल भर मुश्किल से हुए हैं लेकिन लगता है कितना जमाना गुजर गया ,...

खैर तो ,...

चीनू के छोटे भाई की शादी थी।

इन्हें तो छुट्टी नहीं मिली ,मैं आ गयी थी। ये तय हुआ था की ये रिसेप्शन के दिन आ जाएंगे और अगले दिन मैं उनके साथ वापस ,

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